Hyderabad Kite Festival 2024: हैदराबाद पतंग महोत्सव में 16 देशों के पतंगबाज लेंगे हिस्सा
भारत के विभिन्न हिस्सों और 16 देशों से पतंग उड़ाने वालों के 13 जनवरी से हैदराबाद में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय पतंग और मिठाई उत्सव में भाग लेने की उम्मीद है।
Hyderabad Kite Festival 2024: 13 जनवरी से हैदराबाद में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय पतंग और मिठाई उत्सव में भाग लेने के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ 16 देशों से पतंग उड़ाने वालों के आने की उम्मीद है। परेड ग्राउंड सिकंदराबाद में तीन दिवसीय कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय पतंगबाज (International Kite and Sweet Festival) विभिन्न आकृतियों और रंगों की पतंगें उड़ाते नजर आएंगे। तेलंगाना के विभिन्न हिस्सों और विभिन्न राज्यों से प्रतिभागी इस कार्यक्रम में 400 प्रकार की घर पर बनी मिठाइयां भी लाएंगे। यह कार्यक्रम तेलंगाना की समृद्ध संस्कृति का भी प्रदर्शन करेगा।
महोत्सव हैदराबाद के ब्रांड इमेज को बेहतर करेगा
तेलंगाना के पर्यटन मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा कि हैदराबाद की ब्रांड इमेज को और बेहतर बनाने के लिए महोत्सव (Hyderabad Kite Festival 2024) का आयोजन किया जा रहा है। उन्हें कहा कि महोत्सव में 15 लाख दर्शकों के आने की उम्मीद है। इसमें प्रवेश नि:शुल्क होगा। उन्होंने महोत्सव को बेहद सफल बनाने का आह्वान किया। मंत्री ने महोत्सव की तैयारियों पर चर्चा के लिए पर्यटन विभाग के शीर्ष अधिकारियों और विभिन्न राज्यों और देशों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
कृष्णा राव (Telangana Tourism Minister) ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि विभिन्न राज्यों और देशों से कार्यक्रम में आने वाले प्रतिभागियों को उनके प्रवास के दौरान किसी समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने प्रतिनिधियों से भविष्य में वार्षिक उत्सव को और भव्य तरीके से आयोजित करने के लिए अपने सुझाव देने को कहा।
हैदराबाद है 'मिनी इंडिया'
हैदराबाद को 'मिनी इंडिया' करार देते हुए, मंत्री (Jupally Krishna Rao) ने कहा कि यह शहर वास्तव में विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के लोगों के साथ महानगरीय है, लोग यहां सद्भाव से रहते हैं। उन्होंने कहा कि हैदराबाद सभी धर्मों के लोगों का घर है।
अन्य शहरों में भी होगा आयोजन
कृष्णा राव ने कहा कि आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय पतंग और मिठाई महोत्सव का विस्तार अन्य शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाएगा। उन्होंने तेलंगाना की संस्कृति, कला और परंपराओं के गौरव को बहाल करने का संकल्प लिया।