Election commission: आधार नंबर को मतदाता सूची से जोड़ना अनिवार्य नहीं, "चुनाव आयोग "
Election commission: चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि मतदाता पंजीकरण नियम 2022 के तहत आधार संख्या को मतदाता सूची से जोड़ना अनिवार्य नहीं है।
Election commission: कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जी. निरंजन ने सुप्रिम कोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनाव आयोग को फॉर्म-6 और फॉर्म-6बी में संशोधन करने का निर्देश देने की मांग की थी। इसमें कहा गया है कि मौजूदा फॉर्म मतदाता को आधार प्रदान करने के लिए मजबूर करते हैं, हालांकि चुनाव आयोग का दावा है कि आधार विवरण जमा करने के लिए कोई बाध्य नहीं है। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि मतदाता पंजीकरण (संशोधन) नियम 2022 के तहत आधार संख्या को मतदाता सूची से जोड़ना अनिवार्य नहीं है।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को हाल ही में चुनाव आयोग द्वारा सूचित किया गया था कि मतदाता सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में 66 करोड़ से अधिक आधार नंबर पहले ही अपलोड किए जा चुके हैं। इसके अलावा, चुनाव आयोग ने शीर्ष अदालत के समक्ष कहा कि वह "फॉर्म में स्पष्टीकरण परिवर्तन" जारी करने पर विचार कर रहा है, क्योंकि 2022 के नियम 26-बी के तहत आधार संख्या जमा करना अनिवार्य नहीं है।
जी. निरंजन ने याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुनाव आयोग अपने अधिकारियों पर मतदाताओं की आधार संख्या एकत्र करने के लिए जोर दे रहा है और राज्य अधिकारी गांव और बूथ स्तर के अधिकारियों पर मतदाताओं से आधार संख्या एकत्र करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। इसमें दावा किया गया कि "जमीनी स्तर के अधिकारी मतदाताओं को अपने आधार नंबर जमा करने के लिए मजबूर कर रहे हैं और मतदाताओं को धमकी दे रहे हैं कि यदि आधार कार्ड नंबर प्रदान नहीं किया गया तो मतदाता वोट खो देंगे।"