AgniVeer Martyred: सियाचिन में पहला अग्निवीर शहीद, जानें शहीद होनें पर कितना मुआवजा देती है सरकार
भारतीय सेना की फॅायर एंड फ्यूरी कोर में शामिल गावते अक्षय लक्ष्मण लाइन आफ ड्यूटी में शहीद होने वाले पहले अग्निवीर हैं।
AgniVeer Martyred: भारतीय सेना की फॅायर एंड फ्यूरी कोर (XIV Corps or Fire and Fury Corps) में शामिल गावते अक्षय लक्ष्मण (Gawate Akshay Lakshman) लाइन आफ ड्यूटी में शहीद होने वाले पहले अग्निवीर हैं। गावते अक्षय लक्ष्मण (Martyr Akshay Laxman) सियाचिन (Siachen Glacier) में तैनात थे जो कि भारत का सबसे ऊंचा बैटल ग्राउंड है।
महाराष्ट्र के थे शहीद अक्षय लक्ष्मण (Martyr Akshay Laxman)
गावते अक्षय लक्ष्मण महाराष्ट्र (Maharashtra) के निवासी थे, उनके परिवारजनों ने बताया कि वह बचपन से ही आर्मी में जाना चाहते थे, और साल 2022 में उन्हें पहली पोस्टिंग अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर में ही मिली थी।
इंडियन आर्मी (Indian army) ने नहीं दिया था शहीद का दर्जा
इंडियन आर्मी ने गावते को श्रद्धांजलि तो दी पर उन्हें शहीद का दर्जा नही दिया। बता दें कि बीते दिनों अग्निवीरों को शहीद का दर्जा देने को लेकर काफी विवाद हुआ था। दरअसल 11 अक्टूबर को अमृत पाल सिंह ने आत्महत्या कर ली थी, जिसके चलते सेना ने उन्हें राजकीय सम्मान नहीं दिया था और इसी को लेकर काफी विवाद हुआ और अग्निवीरों को शहीद का दर्जा देने की बात शुरु हुई थी।
आर्मी को देनी पड़ी थी सफाई
आर्मी को तीन दिन बाद एक बयान जारी करना पड़ा। जिसमें कहा गया था की, अमृतपाल ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मार ली थी। अमृतपाल के अंतिम संस्कार में गार्ड ऑफ ऑनर इसलिए नहीं दिया गया, क्योंकि खुद को पहुंचाई गई चोटों से होने वाली मौत के मामले में यह सम्मान नहीं दिया जाता है।
इंडियन आर्मी ने एक्स पर लिखा की, "जनरल मनोज पांडे (Army Chief General Manoj Pandey) और सेना के सभी रैंक के अधिकारी अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हैं। उन्होंने सियाचिन की सर्वोच्च ऊंचाइयों पर बलिदान दिया है, भारतीय सेना बलिदानी जवान के परिवार के साथ इस दुख की घड़ी में मजबूती से खड़ी है।
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने दी श्रद्धांजलि
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लक्ष्मण को श्रद्धांजलि दी है। इस पोस्ट में शहीद जवान की तस्वीर शेयर करके लिखा गया है कि, "बर्फ में खामोश हैं, जब बिगुल बजेगा तो वह उठेंगे और फिर से मार्च करेंगे। फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की सभी रैंक सियाचिन की कठिन ऊंचाइयों पर ड्यूटी के दौरान शहीद हुए अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, साथ ही परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
शहीद अग्निवीरों को लेकर प्रावधान
अगर ड्यूटी के दौरान किसी अग्निवीर की मृत्यु हो जाती है तो उसे इन्श्योरेंस कवर मिलेगा। उसके परिवार को 1 करोड़ रुपए से अधिक की राशि दी जाएगी और इसके साथ ही जितनी नौकरी बची है उसकी सैलरी भी देने का प्रावधान है। नौकरी के दौरान विकलांग होने पर अग्निवीर को एक्स ग्रेशिया 44 लाख रुपये और साथ ही जितनी नौकरी बची है उसकी सैलरी और सुविधा पैकेज भी दिया जाएगा।
अग्निवीरों की भर्ती करने के नियमों में, ड्यूटी पर शहीद होने की स्थिति में परिवार को अनुग्रह राशि मिलती है। इसके अनुसार, शहीद अग्निवीर अक्षय के परिजनों को नॉन-कंट्रीब्यूटरी इंश्योरेंस के रूप में 48 लाख रुपये के साथ-साथ 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी। इसके साथ ही परिजनों को सेवा निधि से भी रुपये मिलेंगे। उसमें अग्निवीर की तरफ से 30 फीसदी और सरकार की तरफ से उतने ही योगदान और उस पर ब्याज मिलता है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि शहीद अग्निवीर के परिजनों को शहादत की तारीख से चार साल में बाकी कार्यकाल का वेतन यानी 13 लाख से ज्यादा रुपये भी मिलेंगे। इसके अलावा शहीद अग्निवीर के परिवार को ‘सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष’ से 8 लाख रुपये भी मिलेंगे।