Amarnath Yatra 2024 : अमरनाथ यात्रा की औपचारिक शुरुआत के लिए की गई 'प्रथम पूजा'
हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक अमरनाथ गुफा में शनिवार को 'प्रथम पूजा' की गई। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष तथा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने कहा कहा कि कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर की पवित्र तीर्थयात्रा हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक रही है।
Amarnath Yatra 2024 : हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक अमरनाथ गुफा में शनिवार को 'प्रथम पूजा' की गई। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष तथा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (Jammu and Kashmir Lieutenant Governor) मनोज सिन्हा ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, ''आज वार्षिक श्री अमरनाथ जी यात्रा के औपचारिक शुभारंभ के अवसर पर प्रथम पूजा की गई। बाबा अमरनाथ जी का आशीर्वाद लिया और सभी लोगों के अच्छे स्वास्थ्य, प्रगति और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।''
Today performed the 'Pratham Puja' to mark the ceremonial commencement of the Annual Shri Amarnath Ji Yatra. Sought Baba Amarnathji's blessings and prayed for the good health, progress, and well-being of all the people. pic.twitter.com/px9T803Pnt — Office of LG J&K (@OfficeOfLGJandK) June 22, 2024
अमरनाथ यात्रा सांप्रदायिक सद्भावना का प्रतीक
उन्होंने (Manoj Sinha) कहा कि कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर की पवित्र तीर्थयात्रा हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक रही है। क्योंकि स्थानीय मुसलमान यात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में मदद करते हैं। एक अन्य बयान में, उन्होंने कहा, ''जम्मू-कश्मीर की प्राचीन परंपरा रही है कि सभी समुदायों के लोग इस यात्रा में भाग लेते हैं, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। मैं सभी नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत और सेवा करने के लिए एक साथ आएं।''
29 जून से शुरू होगी Amarnath Yatra 2024
यात्रियों के लिए एसएएसबी(SSB) द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं पर बात करते हुए उपराज्यपाल ने कहा, ''श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड और संबंधित विभागों के अधिकारी तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं और सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय कर रहे हैं कि यात्रा सुचारू, सुरक्षित और परेशानी मुक्त हो। हमने श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुविधाओं, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इस साल (Amarnath Yatra Registration 2024) यात्रा 29 जून से शुरू होगी।'' यह यात्रा 52 दिन तक चलेगी और 19 अगस्त को रक्षाबंधन तथा श्रावणी पूर्णिमा के साथ समाप्त होगी। हर साल लाखों लोग यहां दर्शन करने आते हैं।