Nithari incident 2006: निठारी कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची यूपी सरकार और सीबीआई, अब हाईकोर्ट के फैसले का होगा परीक्षण

इलाहाबाद हाईकोर्ट के सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ यूपी सरकार और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को नोटिस भेजा है। उससे जवाब मांगा गया है।

Nithari incident 2006: निठारी कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची यूपी सरकार और सीबीआई, अब हाईकोर्ट के फैसले का होगा परीक्षण

Nithari incident 2006: 2006 के निठारी कांड (Nithari incident) में नया मोड़ आ गया है। अब ये सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। यूपी सरकार और सीबीआई इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंची है। सुप्रीम कोर्ट अब इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के सुरेंद्र कोली (Surendra Koli) को बरी किए जाने के फैसले का परीक्षण करेगा। इस केस में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुरेंद्र कोली को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

सुरेंद्र कोली एक सीरियल किलर- तुषार मेहता

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ यूपी सरकार और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को नोटिस भेजा है। उससे जवाब मांगा गया है। यूपी सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सुरेंद्र कोली एक सीरियल किलर है। छोटी लड़कियों को बहला-फुसलाकर ले जाता था। उनकी हत्या करता था। उन्हें पकाता था। ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसे पलट दिया। यह वाकई भयानक है। वहीं, अब मामले की अगली सुनवाई कब होगी, इसकी तारीख अभी सामने नहीं आई है। माना जा रहा है कि सीबीआई और योगी सरकार के इस कदम से सुरेंद्र कोली की मुसीबत बढ़ जाएगी।

सबूतों के अभाव में कोर्ट ने किया बरी

निठारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में 16 अक्टूबर 2023 में बरी कर दिया था। वह उत्तराखंड का रहने वाला था और मोनिंदर सिंह पंढेर के घर पर कुक का काम करता था। 2004 में पंढेर का परिवार वापस पंजाब चला गया था। इसके बाद पंढेर और कोली ही घर में रहते थे और कांड को अंजाम देते थे। इस मामले में पायल नामक लड़की की हत्या की जांच से खुलासा हुआ था। पहले 31 बच्चों की हत्या के गंभीर आरोप मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली पर लगे थे। जांच में पंढेर के मकान के पास में स्थित नाले से 19 कंकाल बरामद किये गए थे। जो सभी लड़कियों के थे। जिनका यौन शोषण करने के बाद हत्या कर दी गई थी। इसके साथ ही जांच में सबूत मिटाने की बात सामने आई थी। इस मामले में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने ने मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद कोली को फांसी की सजा सुनाई थी। 

कोली को 12 और पंधेर को 2 मामलों में मिली राहत

फांसी की सजा को लेकर सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंधेर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर फांसी की सजा रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने निठारी मामले में दर्ज 14 केस में दोषियों को बरी कर दिया था। इसमें कोली को 12 और पंधेर को 2 मामलों में बड़ी राहत मिल गई थी।