Lucknow News: छात्रा पर एसिड अटैक केस में बड़ा खुलासा, मौसेरे भाई ने रची थी पूरी साजिश, तेजाब और बाइक भी दी
लखनऊ में छात्रा पर एसिड अटैक करने वाले आरोपी अभिषेक वर्मा ने मामले में नया खुलासा किया है। जेल में बंद अभिषेक वर्मा ने छात्रा के मौसेरे भाई हर्ष तिवारी पर साजिश रचने का आरोप लगाया है। उसने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वारदात की पूरी साजिश हर्ष तिवारी ने ही रची थी।
Lucknow News: लखनऊ में छात्रा पर एसिड अटैक (Acid Attack) करने वाले आरोपी अभिषेक वर्मा ने मामले में नया खुलासा किया है। जेल में बंद अभिषेक वर्मा ने छात्रा के मौसेरे भाई हर्ष तिवारी पर साजिश रचने का आरोप लगाया है। उसने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वारदात की पूरी साजिश हर्ष तिवारी ने ही रची थी। 3 जुलाई की सुबह लोकेशन भी उसके दोस्त हर्ष ने भेजी थी। उसने अभिषेक से कहा था कि, तेजाब ऐसे फेंकना की चेहरे पर न पड़े।
एक दिन पहले थार से लखनऊ घूमें दोनों दोस्त हर्ष और अभिषेक
अभिषेक ने पुलिस को बताया कि वारदात के एक दिन पहले यानी 2 जुलाई को दोनों एक साथ थार गाड़ी से लखनऊ में घूम रहे थे। छात्रा के मौसेरे भाई हर्ष ने ही अभिषेक को एसिड दिया था। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि जो एसिड छात्रा पर फेंका गया है। उसे किसी मेडिकल स्टोर या दुकान से नहीं खरीदा गया, बल्कि ये एसिड किसी मेडिकल लैब से लाया गया था।
आरोपी के पास से मिली बाइक हर्ष के पिता के नाम पर रजिस्टर्ड
इसके अलावा, 3 जुलाई की सुबह आरोपी अभिषेक वर्मा वारदात को अंजाम देने के बाद जिस बाइक से फरार हुआ था, वो छात्रा के मौसेरे भाई हर्ष तिवारी के पिता के नाम पर रजिस्टर्ड है। जानकारी के मुताबिक, घटना के बाद जिस बाइक से आरोपी अभिषेक भागा था। वह वारदात वाले स्थान से कुछ दूरी पर खड़ी थी। वहीं, अब पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि छात्रा के मौसा की बाइक आरोपी अभिषेक के पास कैसे पहुंची।
अभिषेक और हर्ष ने 12वीं तक एक साथ पढाई की
एसिड अटैक के आरोपी अभिषेक वर्मा के पिता कोमल वर्मा ने बताया कि उनका बेटा अभिषेक और हर्ष तिवारी दोनों ने कक्षा-3 से साथ में ही पढ़ाई की है। लखीमपुर ग्रीन फील्ड स्कूल से दोनों ने 12वीं की परीक्षा पास की है। एक साल पहले ही अभिषेक लखीमपुर से लखनऊ गया है। वह लखनऊ में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है।
अभिषेक के पिता ने हर्ष को बताया असली दोषी
अभिषेक वर्मा के पिता ने कहा कि वारदात का असली दोषी हर्ष तिवारी है। उसी के कहने पर अभिषेक ने ये काम किया है। पुलिस उसे पकड़े और उसका मोबाइल जब्त कर उसकी जांच कराए। तब सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। पिता ने ये भी बताया कि हर्ष उसको जो लिखकर भेजता था, वह उसे आगे भेजता था। हर्ष ने अपने फायदे के लिए अभिषेक का इस्तेमाल किया है।
आरोपी के 8 नंबर ब्लॉक कर चुकी थी छात्रा
इससे पहले छात्रा ने अपने परिजनों को बताया था कि उसने आरोपी के 8 मोबाइल नंबर ब्लॉक किए थे। अब पुलिस ने इस एंगल से भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी अभिषेक के पास नौ सिम कैसे आए। उसने सभी सिम अपने नाम पर खरीदे थे या किसी और के नाम से लिये थे। इसके साथ ही पुलिस ये भी जानकारी जुटा रही है कि अभिषेक ने अब तक किन-किन नंबरों से छात्रा को एसएमएस, चैट और वॉट्सऐप किया था। यदि उसमें से एक भी नंबर फर्जी तरीके से खरीदा मिला, तो पुलिस जांच में जालसाजी की धारा बढ़ा सकती है। पुलिस अभिषेक के मोबाइल का डेटा रिकवर करने के लिए साइबर एक्सपर्ट की भी सहायता ले रही है।
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