Shivalinga worship in Kashi: काशी में बनने जा रहा है विश्व रिकॉर्ड, पहली बार सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग की होगी पूजा
वाराणसी में हर साल करीब सवा लाख पार्थिव शिवलिंगार्चन होता है। लेकिन इस साल पहली बार सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग की पूजा की जायेगी।
Shivalinga worship in Kashi: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक रिकॉर्ड बनने जा रहा है। बनारस के शिवाला घाट के चेतसिंह किले में अगले 9 दिनों तक एक अनुष्ठान किया जा रहा है जिसमें एक करोड़ एक लाख पार्थिव शिवलिंग की पूजा की जा रही है। जानकारी के मुताबिक दक्षिण भारत के 500 वैदिक ब्राह्मण और विद्वान शिवलिंग की 16 तरीके से विधिवत पूजा अर्चना और अभिषेक कर रहे हैं। बता दें कि देश में पहली बार सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंगार्चनका विश्व रिकार्ड बनने जा रहा है। जिसके लिए 26 नवंबर को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Records Team )की टीम वाराणसी आएगी।
कांची पीठ के जगतगुरु भी होंगे शामिल
वाराणसी में हर साल करीब सवा लाख पार्थिव शिवलिंगार्चन होता है। लेकिन इस साल पहली बार सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग की पूजा की जायेगी। इस शिवलिंगार्चन में विजयानंदनाद गुरु सेवा समिति चैरिटेबल ट्रस्ट के महानुष्ठान में दक्षिण भारत से 500 वैदिक ब्राह्मण और विद्वान भी शामिल होंगे। इसके साथ ही कांची पीठ के शंकरायाचार्य जगतगुरु विजयेंद्र सरस्वती स्वामी, 9 पीठाधीश्वर के करीब 20 हजार श्रद्धालु भी इसके साक्षी बने है। बता दें कि किले के परिसर में एक करोड़ सवा लाख शिवलिंग को स्थापित किया गया है। साथ ही 12 ज्योर्तिलिंग मंदिर के स्वरुप में अलग बनाए गए हैं। दक्षिण भारत में कार्तिक मास का विशेष महत्व होता है। इस अनुष्ठान में शामिल होने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है।
देश विदेश तक भेजें जायेंगे शिवलिंग
"जगतगुरु शंकराचार्य ने आदेश दिया है कि इस पूजा में उपयोग किये जा रहे शिवलिंग घर-घर में पहुंचायें जायेंगे। उनके इस आदेश का आगाज काशी से किया जाएगा। शिवर्लिंगार्चन और सभी धार्मिक अनुष्ठान के बाद इन शिवलिंगों को देश भर के एक करोड़ परिवारों तक पहुंचाया जाएगा। इतना ही इन्हें विदेशों तक भेजने का भी आदेश है। शिवलिंग के साथ भस्माभिषेक की भस्म, रुद्राभिषेक के बेलपत्र और आरती के प्रसाद भी दिया जाएगा। 15 दिसंबर से प्रदेश में सूची बनाकर इन्हें घर घर तक पहुंचाने का अभियान शुरू होगा। शंकराचार्य का कहना है कि विश्व में अशांति बहुत हो गया, विश्व शांति विश्व कल्याण के लिए पार्थिव शिवलिंगार्चन का आयोजन किया गया। काशी धर्म की राजधानी है और यहीं से विश्व में शांति का संदेश दिया जाएगा।