Varanasi: एक साल से मां की लाश के साथ रह रही दो बेटियां, रजाई में छिपाकर रखी थी लाश
लाश में से बदबू आती थी तो घर की छत पर जाकर खाना खाया करती थी। मामले की सूचना पर बुधवार को लंका थाने की पुलिस मौके पहुंची और घर में लगे तीन दरवाजों को तोड़कर घर के अंदर दाखिल हुई और कंकाल को बाहर निकाला।
Varanasi: वाराणसी के लंका थाना (Varanasi Police) इलाके से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां दो बेटियां पिछले 1 साल से अपनी मां की लाश के साथ रह रहीं थीं। यह घटना है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र (Lanka police station in Varanasi) के मदरवां इलाके में रहने वाली एक महिला की बीते साल 2022 की 8 नवंबर को मौत हो गई थी। जिसके बाद परिवार में मौजूद दोनों बेटियों ने अंतिम संस्कार करने के बजाय मां के शव को रजाई के अंदर छिपाकर रख दिया था और करीब 1 साल तक महिला के शव के साथ रह रहीं थी। बुधवार, 29 नवंबर की रात पुलिस ने घर के अंदर से महिला का कंकाल बरामद किया जिसके बाद सारा मामला सामने आया।
लाश में से कीड़े निकाले
पुलिस की पूछताछ में बेटियों ने बताया कि लाश सड़ने के बाद उसमें कीड़े पड़ गए थे जिसको दोनों बेटियां हाथ से निकालकर बाहर फेंक दिया करती थी। लाश में से बदबू आती थी तो घर की छत पर जाकर खाना खाया करती थी। मामले की सूचना पर बुधवार को लंका थाने की पुलिस मौके पहुंची और घर में लगे तीन दरवाजों को तोड़कर घर के अंदर दाखिल हुई और कंकाल को बाहर निकाला।
किसका है कंकाल
दरअसल बलिया के उभांव थाना क्षेत्र के होलपुर रचौली गांव निवासी रामकृष्ण पांडेय की तीन बेटियों में सबसे बड़ी ऊषा तिवारी थी। ऊषा मदरवां स्थित मकान में अपने पिता और दो बेटियों पल्लवी व वैष्णवी के साथ मदरवां में रहती थी।
नहीं खोलती थी दरवाजा
ऊषा की बहन उपासना और उसके पति धर्मेंद्र चतुर्वेदी की लंबे समय से ऊषा से बात नहीं हुई थी। जिसके चलते दोनों कई बार मदरवां स्थित मकान पर गए, लेकिन ऊषा की दोनों बेटियों ने हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर दरवाजा खोलने से इन्कार कर दिया। दबाव बनाने पर पुलिस बुलाने की धमकी देती रहीं। उपासना और धर्मेंद्र कुछ घंटे बाद लौट जाते थे। पिछले एक वर्ष से यही चल रहा था। दो महीने पहले पिता रामकृष्ण भी आए तो पल्लवी और वैष्णवी ने दरवाजा नहीं खोला।
मृतक के पिता ने कराई शिकायत
मृतक ऊषा के पिता के कहने पर ही बुधवार की दोपहर मिर्जापुर के जमालपुर थाना क्षेत्र के गौरी बहुवर निवासी छोटी बेटी उपासना और दामाद धर्मेंद्र चतुर्वेदी मदरवां पहुंचे। जिसके बाद बेटियों ने फिर से दरवाजा खोलने से इन्कार कर दिया। इसके बाद धर्मेंद्र ने डायल 112 पर सूचना दी और मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर घर से सभी को बाहर निकाला।
नहीं खोला दरवाजा
डायल-112 और चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे, लेकिन वह भी दरवाजा नहीं खुलवा सके। इसके बाद लंका इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा फोर्स के साथ पहुंचे और वीडियोग्राफी कराते हुए दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हो गए। अंदर देखा तो ऊषा का कंकाल मिला। उसकी दोनों बेटियों से पूछताछ हुई तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया।
पैसे नहीं थे तो नहीं किया अंतिम संस्कार
पुलिस के मुताबिक, दोनों बेटियों ने बताया कि मां की मौत 8 दिसंबर 2022 को बीमारी के चलते हो गई थी। जिसके बाद पैसे और साधन की कमी के चलते शव का अंतिम संस्कार नहीं करा सके।
कंकाल का पोस्टमार्टम
बड़ी बेटी पल्लवी की उम्र 27 साल है वहीं छोटी बेटी वैष्णवी 18 साल की है पल्लवी मास्टर की डिग्री ले चुकी है, जबकि वैष्णवी हाईस्कूल की छात्रा है। पुलिस ने बताया कि दोनों बेटियों की मनोदशा ठीक नहीं है। जिसके चलते दोनों बेटियों को मिर्जापुर में रहने वाले मौसी-मौसा के संरक्षण में दिया गया है। वहीं मौसा धर्मेंद्र की तहरीर पर मृत ऊषा के कंकाल का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।