Ronaldo News: बच्चों के सोशल मीडिया यूज पर इस देश में लगने वाला है बैन
बच्चों के सोशल मीडिया यूज करने पर इस देश में बैन लगने वाला है। इस मामले पर फेमस फुटबॉलर रोनाल्डो ने क्या कहा है, किस वजह से ये कदम उठाया जा रहा है,आइये बताते है आपको।
Ronaldo News: लगातार बच्चों में सोशल मीडिया को लेकर क्रेज बढ़ रहा है। 12-13 साल की उम्र में बच्चे सोशल मीडिया पर गदर काट रहे हैं।कुछ भी कर रहे हैं। न कोई रोक-टोक है न ही कोई कायदा कानून। लेकिन अब एक देश इस मामले में सख्त कदम उठाने जा रहा है। बच्चों के सोशल मीडिया यूज करने पर इस देश में बैन लगने वाला है। इस मामले पर फेमस फुटबॉलर रोनाल्डो ने क्या कहा है, किस वजह से ये कदम उठाया जा रहा है,आइये बताते है आपको।
बच्चों के लिए बनेगा नया नियम
ऑस्ट्रेलिया में बच्चों के लिए अब सोशल मीडिया यूज करना मुश्किल होने वाला है। उनके लिए देश में नए नियम बनने जा रहे हैं। जो तय करेंगे कि किसे, कबसे और कितना सोशल मीडिया यूज करना है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि आस्ट्रेलिया की सरकार बच्चों के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने की न्यूनतम आयु सीमा तय करने की दिशा में काम करेगी। और बच्चों पर सोशल मीडिया ऐप्स के यूज पर बैन लगाएगी।
ऐसे में माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया में जल्द ही बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर बैन लग सकता है। ऑस्ट्रेलिया की सरकार एक कानून बनाने की तैयारी कर रही है।इसका मकसद बच्चों को सोशल मीडिया के खतरनाक इफेक्ट से बचाना है, साथ ही उन्हें वर्चुअल वर्ल्ड की जगह रियल वर्ल्ड में रखना है। माना जा रहा है कि ये बैन 14 साल से कम उम्र के बच्चों पर लागू हो सकता है।.आस्ट्रेलिया ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन कि स्टडी के मुताबिक़ 61 फीसदी लोगों ने माना है कि बच्चों में मोबाइल में सोशल मीडिया इस्तेमाल की उम्र सीमा 17 वर्ष होनी चाहिए।.ये बैन बच्चों के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल को सीमित करेगा।..अक्टूबर के अंत तक बच्चों के लिए सोशल मीडिया के यूज की आयु सीमा तय कर ली जाएगी।.ऑस्ट्रेलियाई सरकार के मुताबिक़ ये कानून 2024 के अंत तक लागू होने की उम्मीद है।
बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर बैन क्यों?
अब सवाल उठता है कि बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर बैन क्यों? तो इसका जवाब में प्रधानमंत्री अल्बनीज ने कहा है कि बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस से दूर फुटबॉल के मैदान और स्विमिंग पूल और टेनिस कोर्ट पर देखना ज्यादा ज़रूरी है।उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बच्चे वर्चुअल नहीं बल्कि रियल वर्ल्ड में रियल लोगों के साथ रहें क्योंकि हम जानते हैं कि सोशल मीडिया समाज को नुकसान पहुंचा रहा है। ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के साथ एक इंटरव्यू में अल्बनीज ने कहा कि रिसर्च में साबित हुआ है कि सोशल मीडिया एक तरह की नशे की लत है।और ये हमारे बच्चों को नुकसान पहुंचा रही है।.डॉक्टर और मनोवैज्ञानिकों का भी कहना है कि स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो रहा है।.मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों में डिप्रेशन का भी कारण बन रहा है।ऑस्ट्रेलिया से पहले स्वीडन में भी दो साल से कम उम्र के बच्चों के मोबाइल देखने पर बैन लगाया गया था। मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में मौजूद लाखों सोशल मीडिया ऐप्स से बच्चों को बचाने के लिए यूरोप और कई एशियाई देशों में ऐसे कदम पहले भी उठाए गए हैं।
रोनाल्डो ने अपने बेटे से छीन लिया मोबाइल फोन
कुछ समय पहले फेमस फुटबॉलर रोनाल्डो का एक पुराना वीडियो आया था जिसमें वो बताते हैं कि उन्होंने अपने 11 साल के बेटे को फोन क्यों नहीं दिया था।रोनाल्डो ने कहा था कि वह अपने बच्चे को फोन इसलिए भी नहीं देते क्योंकि इससे वह अपनी पूरी क्षमता को कभी पहचान नहीं पाएगा।रोनाल्डो ने कहा कि रोनाल्डो जूनियर को खेल के मैदान में दिखना वो ज्यादा पसंद करेंगे।.इसी तरह एक बार माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर और कंप्यूटर प्रोग्रामर बिल गेट्स ने 2007 में अपनी बेटी के फोन देखने का टाइम फिक्स कर दिया था क्योंकि उनकी बेटी को वीडियो गेम्स की लत होने लगी थी।. जिससे उसका स्वास्थ्य खराब होने लगा था। उन्होंने अपने बच्चों को 14 साल की उम्र तक सेल फोन नहीं लेने दिया।।