Ramlalla today update: रामलला के गर्भ गृह में लगने वाली मूर्ति का फैसला करेंगे काशी के आचार्य

राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के महज 19 दिन बाकी हैं, लेकिन अब तक ये सुनिश्चित नहीं हो पाया है कि गर्भगृह में राम लला की कौन सी मूर्ति विराजमान होगी।

Ramlalla today update: रामलला के गर्भ गृह में लगने वाली मूर्ति का फैसला करेंगे काशी के आचार्य

Ramlalla today update: 22 जनवरी को आयोध्या में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की सभी तैयारियां लगभग पूरी हो हई हैं। राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के महज 19 दिन बाकी हैं, लेकिन अब तक ये सुनिश्चित नहीं हो पाया है कि गर्भगृह में राम लला की कौन सी मूर्ति विराजमान होगी। 

बता दें कि मंदिर प्रबंधन ने तीन मूर्तिकारों की मूर्तियों को चुना था, जिनमें से एक को फाइनल किया जाना था। हालांकि मंदिर ट्रस्ट की हाल ही में हुई बैठक में गर्भगृह की मूर्ति पर एक राय नहीं बन सकी थी। जिसके बाद अब मंदिर के ट्रस्टी का कहना है कि मूर्तिकारों के बीच किसी भी तरह का कॉम्पिटिशन ना करवाया जाएं और तीनों ही मूर्तियों को भव्य राम मंदिर में लगाया जाएगा। हालांकि गर्भगृह में कौन-सी मूर्ति लगेगी, इसका अंतिम निर्णय काशी के आचार्य गणेश्वर शास्त्री लेंगे।

अंतिम निर्णय लेंगे आचार्य गणेश्वर 

मंदिर में मूर्ति स्थापना को लेकर अब राम मंदिर के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने मीडिया से बात की। उन्होंने बताया, 'राम मंदिर में लगाई जाने वाली सभी प्रतिमाएं बेहद सुंदर और मजबूत हैं। ट्रस्ट ने हाल ही में हुई बैठक में यह निर्णय लिया है कि तीनों ही मूर्तियों को राम लला के दरबार में लगाया जाएगा। तीनों मूर्तियां फर्स्ट, सेकेंड और सबसे ऊपर वाले फ्लोर में स्थापित होंगी।'

कामेश्वर आगे कहते हैं, 'तीनों ही मूर्तिकारों में दो दक्षिण (गणेश बट्ट, अरुण योगीराज) से हैं और एक मूर्तिकार सत्य नारायण पाण्डेय राजस्थान के हैं। दक्षिण की मूर्तियां काले पत्थर की हैं। वहीं राजस्थान के मूर्तिकार द्वारा बनाई जा रही प्रतिमा संगमरमर की है। 

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खबरों की मानें तो ऐसे में किस वर्ण की प्रतिमा 22 तारीख को गर्भगृह में लगेगी इसका फैसला आचार्य गणेश्वर शास्त्री ही लेंगे।' राम मंदिर के वास्तु से लेकर वहां पर लगाई जा रहीं मूर्तियां और गर्भगृह में विराजित होने वाली मूर्तियों के साथ-साथ आचार्य गणेश्वर शास्त्री ने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख भी तय की थी। ऐसे में अब गणेश्वर शास्त्री के निर्णय से ही यह साबित होगा कि गर्भगृह में तीनों मूर्तियां में से कौन सी मूर्ति लगाई जाएगी।