Ramdas Athawale: विरोध के बाद रामदास अठावले ने एसटी समुदाय पर अपनी टिप्पणी के लिए मांगी माफी

Ramdas Athawale: राजनीतिक आरक्षण पर अपने बयान के लिए विरोध का सामना करने के बाद केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने अनुसूचित जनजाति समुदाय से माफी मांगी है।

Ramdas Athawale: विरोध के बाद रामदास अठावले ने एसटी समुदाय पर अपनी टिप्पणी के लिए मांगी माफी

Ramdas Athawale: राजनीतिक आरक्षण पर अपने बयान के लिए  विरोध का सामना करने के बाद केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने अनुसूचित जनजाति समुदाय से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि उन्हें गोवा (Goa) में उनकी संख्या के बारे में जानकारी नहीं थी। रामदास अठावले ने मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि, गोवा में अनुसूचित जनजाति की आबादी जनगणना के मुताबिक बहुत कम है, इसलिए आरक्षण संभव नहीं है।

बता दें कि अनुसूचित जनजाति समुदाय के बारे में अपने बयान को लेकर अठावले की आलोचना हो रही है और राजनेता गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Goa Chief Minister Pramod Sawant) और भाजपा नेताओं से इस पर स्पष्टीकरण देने को कह रहे हैं। वहीं बाद में अठावले ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें गोवा में एसटी आबादी के बारे में जानकारी नहीं थी।

रामदास अठावले ने कहा कि, मुझे गोवा में अनुसूचित जनजाति की आबादी के बारे में जानकारी नहीं थी, जो लगभग 12 प्रतिशत है। यहां तक कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मेरे कार्यकर्ताओं ने भी मुझे सही नहीं किया। अठावले ने कहा कि  मैं अपने बयान के लिए माफी मांगता हूं। 

अठावले ने अपने बयान को दोहराया कि मैंने कहा था कि चूंकि अनुसूचित जनजाति की आबादी कम है, इसलिए उनके लिए आरक्षण संभव नहीं है। मुझे एसटी आबादी की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं थी और इसलिए मैंने बयान दिया। मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। रामदास अठावले ने कहा कि जब एसटी की आबादी 12 प्रतिशत है, तो उन्हें 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में 4 सीटें आरक्षित मिलनी चाहिए।

बता दें कि इस साल बीती जुलाई में, गोवा विधानसभा ने सर्वसम्मति से एसटी नेता और विधायक गणेश गांवकर द्वारा पेश एक निजी सदस्य प्रस्ताव को अपनाया था, जिसमें सरकार से एसटी के लिए गोवा विधानसभा में राजनीतिक आरक्षण के प्रावधान करने को कहा गया था।

गौरतलब है कि एसटी समुदाय पिछले दो दशकों से राजनीतिक आरक्षण की मांग उठा रहा है। उन्होंने चुनाव से पहले आरक्षण घोषित नहीं होने पर लोकसभा चुनाव 2024 का बहिष्कार करने की भी धमकी दी है।