Rahul Dravid: पाकिस्तानियों ने की द्रविड़ को कोच बनाने की मांग तो सोशल मीडिया पर लोग लेने लगे मजे

आज पूरा देश टीम इंडिया के टी 20 विश्वकप (t20 world cup)जीतने पर फूला नहीं समा रहा है। हर तरफ, हर गली चौक चौराहे पर टीम की इस जीत और इस जीत के हीरोज की बातें हो रही है। एक हीरो है जिसने बड़े सलीके से इस टीम को सजाया और संवारा है। वो नाम है हेड कोच राहुल द्रविड़ का।

Rahul Dravid: पाकिस्तानियों ने की द्रविड़ को कोच बनाने की मांग तो सोशल मीडिया पर लोग लेने लगे मजे

Rahul Dravid: आज पूरा देश टीम इंडिया के टी 20 विश्वकप (t20 world cup)जीतने पर फूला नहीं समा रहा है। हर तरफ, हर गली चौक चौराहे पर टीम की इस जीत और इस जीत के हीरोज की बातें हो रही है। किसी के लिए रोहित शर्मा हीरो हैं, तो कोई विराट कोहली को इस जीत का नायक बता रहा है, तो किसी को पसंद बुमराह है तो कोई सूर्या में अपना हीरो खोज रहा है। पर ये किसी एक की जीत नही बल्कि एक सम्मलित प्रयास है जिसमे खिलाड़ियों के साथ साथ सपोर्ट स्टाफ का भी अहम योगदान है।

 एक और अनसंग हीरो है जिसने बड़े सलीके से इस टीम को सजाया और संवारा है। वो नाम है हेड कोच राहुल द्रविड़ (Head Coach Rahul Dravid) का। पब्लिक ओपिनियन के जिस दौर में आज हर इंसान को जीना पड़ रहा रहा है, हर इंसान को राहुल द्रविड़ की कहानी का एक एक फ्रेम याद कर लेना चाहिए। सत्रह साल पहले जब राहुल द्रविड़ वेस्ट इंडीज से 2007 वर्ल्ड कप (West Indies 2007 World Cup) खेलकर लौटे होंगे तो एयरपोर्ट के गेट से बाहर निकलते वक्त उनका दिल जरूर बैठा होगा। संत के स्वभाव वाले राहुल द्रविड़ को देश की जनता ने एक वर्ल्ड कप की हार के बाद राक्षस बना दिया था। फिर जब फिटनेस के नाम पर सीनियर छांटे गए तो पहला वार द्रविड़ के ऊपर हुआ,आईपीएल खेलना शुरू किया तो अगले ही सीजन में कप्तानी छीन ली गई, और फिर टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। राजस्थान गए,खेले फिर मेंटर बने और वहा पूरी दुनिया ने पहली बार राहुल को गुस्से में देखा।पर जो इंसान कभी गुस्सा ना हो, वो जब गुस्सा होता है तो असल में दुखी होता है।पहले इंटरनेशनल करियर और फिर आईपीएल का करियर खाली हाथ खत्म हुआ द्रविड़ का।

कोचिंग छोड़ने जा रहे थे राहुल द्रविड़

फिर द्रविड़ शोर से बहुत दूर, भारतीय क्रिकेट की जड़े टटोलने लगे अंडर 19 को संवारा,अर्शदीप (Arshdeep) जैसे न जाने कितने खिलाड़ी बनाकर देश को सौंपे, इस देश को फिर से द्रविड़ पर प्यार आने लगा, सब चाहते थे कि द्रविड़ कोच बने इंडिया के, द्रविड़ बने भी, पर नंबर दो होने का शाप द्रविड़ का पीछा नही छोड़ रहा था। वर्ल्ड कप 2023 (world cup 2023) हारे तो द्रविड़ के तरीको पर सवाल उठाने वाले लोग द्रविड़ की नियत तक पहुंच गए। द्रविड़ ने सोच लिया कि जो किस्मत में नही है इसके पीछे क्या भागना, पर तभी रोहित की कॉल आती है, वो मनाते है द्रविड़ को, एक और कोशिश के लिए। द्रविड़ फिर से तैयारी शुरू करते है, और इस बार सबको बताकर कि ये आखिरी टूर्नामेंट है। द्रविड़ की हालत उस जुआरी जैसी थी जो सब कुछ हार चुका हो, और अब बस एक आखिरी दाव खेलने के बाद खेल छोड़ने वाला हो। फिर सवाल उठने लगे,तरीके पर भी और नियत पर भी। पर द्रविड़ को तो इस जुए से मुहब्बत थी, तमाम शिकस्त और जिल्लत के बाद भी,वरना कोई कोच, जिसकी कोचिंग का आखिरी मैच का आखिरी दौर चल रहा हो, वो भला नोट्स क्यू और किसके लिए बनाएगा। और कहते है ना कि कि कोशिश इतनी करो कि किस्मत झुंझला जाए, और वही होता है, इंडिया वर्ल्ड कप जीतती है।

पाकिस्तानी कर रहे द्रविड़ को कोच बनाने की बात

कोहली द्रविड़ को बुलाते है, ट्रॉफी देते है, द्रविड़ करियर का सारा दुख, सारा अपमान, सारी निराशा एक दहाड़ में भर देते है, और फिर आज सत्रह साल बाद वापसी होती है देश में उनकी। उसी वेस्ट इंडीज से वापस उसी जगह।और इस बार द्रविड़ के पांव नही कांप रहे, द्रविड़ के होंठ हिल रहे है क्युकी मुस्कुराहट रुक नही रही,गाल दुख चुके है, पर खुशी खत्म नहीं हो रही, वो भीड़ जिसने पुतले जलाए थे, वो भीड़ जो मुर्दाबाद कह रही थी, आज सत्रह साल बाद अपने हीरो को, वो सम्मान दे रही है,जिसका वो हमेशा से हकदार था, अपने 39 के सफर के हर एक दिन, पर ये 39 साल की मजदूरी की तनख्वाह पहली बार दी है इस देश ने द्रविड़ को अब जब द्रविड़ ने टीम इंडिया के हेड कोच का दायित्व छोड़ने का निर्णय लिया है इसी बीच पाकिस्तान में एक चर्चा का दौर शुरू हो चुका है।

पाकिस्तान के लोग राहुल द्रविड़ को पाक टीम के कोचिंग की जिम्मेदारी देने की मांग करने लगे हैं। पाकिस्तान के खेल पत्रकार इमरान सिद्दीकी (Pakistani sports journalist Imran Siddiqui) ने सोशल मीडिया पर लिखा है। लेकिन इस पोस्ट के बाद इमरान सिद्दीकी के साथ ही पाकिस्तान को खूब ट्रोल किया जाने लगा। एक यूजर ने इस ट्वीट पर लिखा- भाईजान, आपका देश मल्टीग्रेन आटा अफोर्ड नहीं कर पाएगा जो ये खाते हैं। वहीं एक अन्य ने लिखा- पाकिस्तान क्रिकेट टीम को कोचिंग देने से अच्छा है बेरोजगार रहें। एक यूजर ने लिखा- बेरोजगार? जितना पैसा उसके पास है ना एक पूरा पीएसएल (PSL)अकेले करवा देगा।