Shrikrishna Janmabhoomi-Shahi Eidgah case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह केस में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, 18 याचिकाएं एक साथ सुनेगा हाईकोर्ट

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। केस की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से दायर 18 याचिकाएं एक साथ सुनी जाएंगी।

Shrikrishna Janmabhoomi-Shahi Eidgah case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह केस में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, 18 याचिकाएं एक साथ सुनेगा हाईकोर्ट

Shrikrishna Janmabhoomi-Shahi Eidgah case:  मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले (Shri Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah dispute case in Mathura) में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। केस की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन (Justice Mayank Kumar Jain) ने कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से दायर 18 याचिकाएं एक साथ सुनी जाएंगी। हिंदू पक्ष ने यह दावा किया था कि शाही ईदगाह का ढाई एकड़ का एरिया मस्जिद नहीं है। वह भगवान कृष्ण का गर्भगृह (Sanctum sanctorum of Lord Krishna) है। हिंदू पक्ष ने वहां पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की थी। इसके अलावा हिंदू पक्ष ने ईदगाह मस्जिद का ढांचा हटाकर जमीन का कब्जा देने और मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। 

1968 में हुआ था समक्षौता

वहीं, मुस्लिम पक्ष की ओर से यह दलील दी गई थी कि 1968 में हुए समझौते के तहत मस्जिद के लिए जगह दी गई थी। अब 60 साल बाद समझौते को गलत बताना ठीन नहीं है। हिंदू पक्ष की याचिकाएं सुनवाई के लायक नहीं है। मुस्लिम पक्ष ने ये भी दावा किया कि उपासना स्थल कानून यानी प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत भी मामला सुनवाई योग्य नहीं है। हालांकि, हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आज मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। अब हिंदू पक्ष की सभी 18 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई होगी। ज्यादातर याचिकाएं एक जैसी ही है।

जल्द सुप्रीम कोर्ट जाएगा हिंदू पक्ष 

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि 25 सितंबर 2020 को शाही ईदगाह विवाद को लेकर पहली याचिका दायर की गई थी। मामले में 4 महीने सुनवाई हुई। आज हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की 18 याचिकाओं को सुनवाई के लायक मान लिया है। अब इस मुकदमे में ट्रायल चलेगा। हम लोग कोर्ट में सबूत पेश करेंगे। विष्णु जैन ने कहा कि एडवोकेट कमीशन सर्वे के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सर्वोच्य न्यायालय ने रोक लगा रखी है। हम बहुत जल्द सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हम सुप्रीम कोर्ट में स्टे बहाल करने और श्रीकृष्ण जन्मभूमि में ईदगाह की एडवोकेट कमीशन सर्वे कराने की मांग करेंगे।

हिंदू पक्ष की याचिका सुनवाई योग्य नहीं- ईदगाह कमेटी

वहीं, शाही ईदगाह कमेटी के वकीलों ने हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल 18 याचिकाओं को हाईकोर्ट में ऑर्डर 7, रूल 11 के तहत चुनौती दी। कमेटी के वकीलों ने कोर्ट में कहा कि मथुरा कोर्ट में दाखिल याचिका सुनवाई के लायक नहीं है। यह विवाद पूजा स्थल अधिनियम 1991 और वक्फ एक्ट के साथ लिमिटेशन एक्ट के तहत देखा जाना चाहिए। इसलिए इस केस में कोई भी याचिका न तो दाखिल की जा सकती है और न ही उसे सुना जा सकता है। इस पर हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया है कि इस मामले पर पूजा स्थल अधिनियम और  वक्फ बोर्ड कानून लागू नहीं होता है। शाही ईदगाह परिसर जिस स्थान पर मौजूद है वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि की है। समझौते के तहत मंदिर की जमीन शाही ईदगाह कमेटी को देना नियमों के विरूद्ध है।