Parliament session : सीएम योगी ने आपातकाल पर निंदा प्रस्ताव के लिए लोकसभा अध्यक्ष का जताया आभार

संसद में आपातकाल के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से पढ़े गए निंदा प्रस्ताव का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समर्थन किया है।

Parliament session : सीएम योगी ने आपातकाल पर निंदा प्रस्ताव के लिए लोकसभा अध्यक्ष का जताया आभार

Parliament session : संसद में आपातकाल (Emergency in India) के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) की ओर से पढ़े गए निंदा प्रस्ताव का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समर्थन किया है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देश की वर्तमान पीढ़ी को ये जानने का अधिकार है कि कांग्रेस ने आजादी के बाद लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ किस प्रकार का बर्ताव किया था।

कांग्रेस में चेहरा बदला, चरित्र अब भी वही- सीएम योगी

सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि कांग्रेस में आज भले ही चेहरे बदल गए हों, मगर इसका चरित्र अधिनायकवादी और तानाशाही पूर्ण है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपातकाल के विरोध में एक निंदा प्रस्ताव पढ़ा है, इसके लिए उनका हृदय से अभिनंदन। हम सब जानते हैं कि 25 जून 1975 की मध्य रात्रि में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में उस संविधान का गला घोंटने का कार्य किया था, जिसकी शपथ लेकर वह देश की पीएम बनी थीं। ये देश के लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास था।

कांग्रेस के इस काले कारनामों को जनता तक पहुंचाना आवश्यक

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस काले कारनामों को जनता तक पहुंचाना आवश्यक है। आज भारत की संसद ने वही कार्य किया। कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व संविधान और आरक्षण समाप्त करने के नाम पर देश को गुमराह करता रहा है। लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक संस्थाओं पर कांग्रेस का आज भी विश्वास नहीं है। भारत की हर संवैधानिक संस्था को कटघरे में खड़ा करना, विदेशों में भारत के लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न खड़ा करना इनकी फितरत है।

कांग्रेस के काले कारनामों की लंबी फेहरिस्त हैं- सीएम

सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस ने 75 बार संविधान में संशोधन किए। अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करते हुए 90 बार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को बर्खास्त करने का कार्य किया है। देश की अखंडता के साथ खिलवाड़ किया है। इनके काले कारनामों की फेहरिस्त में आपातकाल भी आता है। वर्तमान पीढ़ी को इनके काले कारनामों से अवगत कराने के लिए ये निंदा प्रस्ताव पढ़ा गया है। ये एक साहसिक कदम है, जिसके लिए ओम बिरला अभिनंदन के पात्र हैं।