Pakistan Cricket Board: भारत के इस गेंदबाज ने की थी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की स्थापना

सीके नायडू के नेतृत्व में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए उस शुरुआती टेस्ट मैच को महज तीन दिनों में गंवा दिया था। टीम इंडिया की हार के बावजूद उस मुकाबले में एक खिलाड़ी छाया रहा, उसकी गति देख अंग्रेजो के भी पांव उखड़ रहे थे। उस खिलाड़ी का नाम था मोहम्मद निसार। 

Pakistan Cricket Board: भारत के इस गेंदबाज ने की थी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की स्थापना

Pakistan Cricket Board: आज भारतीय टीम के पास एक से एक बेहतरीन तेज गेंदबज हैं। कभी जो तेज गेंदबाजी भारतीय टीम की कमजोरी हुआ करती थी। वही आज टीम इंडिया की सभी बड़ी ताकत भी है। आज हमारे पास बुमराह जैसा बॉलर है जिसकी गति, लाइन और लेंथ ने पूरी दुनिया को परेशान किया हुआ है। श्रीनाथ, जाहिर, पठान, इशांत, शमी, अर्शदीप सिंह, मोहम्मद सिराज, आज ये फेहरिस्त बहुत लंबी दिखाती है। लेकिन यहां तक पहुंचने में देश को 90 साल से ज्यादा का समय लग गया। टीम इंडिया की क्रिकेट जर्नी साल 1932 में शुरू हुई थी, जब उसने इंग्लैंड के खिलाफ अपना डेब्यू टेस्ट मैच खेला था। सीके नायडू के नेतृत्व में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए उस शुरुआती टेस्ट मैच को महज तीन दिनों में गंवा दिया था। टीम इंडिया की हार के बावजूद उस मुकाबले में एक खिलाड़ी छाया रहा, उसकी गति देख अंग्रेजो के भी पांव उखड़ रहे थे। उस खिलाड़ी का नाम था मोहम्मद निसार। 

निसार की गति से उखड़ गए थे अंग्रेजों के पांव

मोहम्मद निसार ही वो शख्स थे जिन्होंने भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली गेंद फेंकी थी। सिर्फ गेंद ही नहीं फेंकी थी बल्कि अंग्रेजो के वर्चस्व वाले खेल में अपनी तेज गति से खलबली मचा दी थी। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज निसार ने भारत के उस पहले मैच में सिर्फ देश के लिए पहला विकेट ही नही चटकाया था बल्कि पहले भारतीय गेंदबाज भी बने जिसने  5 विकेट हॉल भी पूरा किया था।  मोहामद निसार को अपने करियर में महज छह टेस्ट वही भी सभी इंग्लैंड के खिलाफ ही खेलने का मौका मिला। लेकिन वो कहते हैं ना कि काबिल की काबिलियत की झलक ही काफी होती है उसकी ख्याति बताने के लिए। मोहम्मद निसार के साथ भी कुछ ऐसा ही था। कम टेस्ट के बौजूद उनकी गेंदों की रफ्तार काफी सुर्खियों में रही। तत्कालीन कप्तान सीके नायडू ने एक दफे कहा था कि निसार इंग्लैंड के तेज गेंदबाज हेराल्ड लारवुड से भी तेज थे। लारवुड वो गेंदबाज जिससे पूरा क्रिकेट जगत खौफ खाता था। आज भी माना जाता है कि निसार जैसा तेज गेंदबाज भारत में कभी नहीं हुआ। लेकिन जैसा की हर अच्छी खबर को कोई न कोई बुरी खबर दबा देती है वैसा ही हुआ निसार के साथ। पहले द्वितीय विश्व युद्ध का काला साया और उसके बाद भारत के विभाजन के चलते निसार की उपलब्धियों को भुला दिया गया।

पहले और आखिरी दोनो मैच में लिए 5 विकेट हॉल

लॉर्ड्स में भारत के पहले और ऐतिहासिक  टेस्ट मैच को देखने के लिए लगभग पच्चीस हजार लोग मौजूद थे। अंग्रेज कप्तान डगलस जार्डिन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। इंग्लैंड की ओर से पर्सी होम्स और हर्बर्ट सटक्लिफ पारी की शुरुआत करने उतरे। सटक्लिफ और होम्स की ओपनिंग जोड़ी ने नौ दिन पहले ही यॉर्कशायर के लिए 555 रन जोड़े थे।लेकिन यहां सामना था भारत की सनसनी और एशिया के तूफान मोहम्मद निसार से। निसार की रफ्तार के आगे दोनों ही ओपनर धराशाई हो गए। इसके बाद कप्तान डगलस जार्डिन की संघर्ष भरी  79 रनों की बदौलत इंग्लिश टीम पहली पारी में 259 रन बना पाई। मोहम्मद निसार ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 93 रन देकर 5 विकेट झटके। जवाब में खेलने उतरी इंडिया की पहली पारी 189 रनों पर सिमट गई। उस पहले ऐतिहासिक मैच में इंग्लैंड ने भारत को 158 रनों से शिकस्त दी थी। भले ही इंडिया अपना पहला मैच हार गई लेकिन क्रिकेट जगत में एक रफ्तार की कौंध गूंज चुकी थी। इस रफ्तार के सौदागर ने अपनी छाप छोड़ दी थी।मोहम्मद निसार ने अपने कैरियर के  छह टेस्ट मैचों में 28।28 की औसत से 25 विकेट झटके। इनमें से 13 मौकों पर उन्होंने बल्लेबाजों को एलबीडब्ल्यू आउट किया था, जो उनकी गेदों की रफ्तार को प्रमाणित करते थे। निसार ने अपने पहले और आखिरी टेस्ट दोनो में 5 विकेट हॉल लेने का कारनामा किया। निसार ने 93 फर्स्ट क्लास मैचों में 396 विकेट चटकाए थे। इस दौरान उन्होंने 32 बार पारी में पांच या उससे ज्यादा विकेट हासिल किए। बंटवारे को टीस जिसने कई घरों को बरबाद किया उसमे एक निसार भी थे। 

इस तेज गेंदबाज के सम्मान में शुरू हुई निसार ट्रॉफी

बंटवारे के समय कई नवाबों ने मोहम्मद निसार को भारतीय पक्ष में रहने के लिए अनुरोध करते हुए पत्र लिखा था, लेकिन निसार का दिल लाहौर में था। विभाजन के बाद निसार पत्रों के माध्यम से अपने भारतीय साथियों के संपर्क में रहते थे। लेकिन वह पंजाब में अपने जन्म स्थान होशियारपुर का दौरा करने में सक्षम नहीं थे। मोहम्मद निसार ने अपने करियर की शुरुआत भरता से की लेकिन समय की विडंबना देखिए जब मुल्क दो सरहदों में बांटा को निसार ने पाकिस्तान पहुंच कर वहां भी क्रिकेट को जिंदा रखा। निसार पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड  के संस्थापकों में से एक रहे। उन्होंने पाकिस्तान की पहली टीम चुनी थी। लेकिन बाद में राजनीति की वजह से उन्होंने क्रिकेट प्रशासन छोड़ दिया। बाद में बीसीसीआई ने अपने इस पहले तेज गेंदबाजों को उचित सम्मान दिया। भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड ने साल 2006 में मोहम्मद निसार के सम्मान में निसार ट्रॉफी की शुरुआत की। इस टूर्नामेंट में दोनों देशों की ओर से घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट की विजेता टीम आपस में भिड़ती थीं। पहले दो साल उत्तर प्रदेश और मुंबई ने जीते। वहीं 2008 में सुई नॉर्दर्न गैस पाइपलाइन लिमिटेड की टीम ने दिल्ली को हराकर खिताब जीता था। उस मैच में युवा खिलाड़ी विराट कोहली को मैन ऑफ द मैच चुना गया। 2008 में हुए मुंबई हमले के बाद दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंध बिगड़ गए, जिसके चलते यह टूर्नामेंट फिर कभी नही हो पाया।