UP News: अब UP PCS-J की परीक्षा में धांधली आई सामने, मेन्स एग्जाम की 50 कॉपियां बदली गईं

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (ज्यूडिशियल) परीक्षा में धांधली का मामला सामने आया है। मुख्य परीक्षा में 50 कॉपियां बदली गईं। यूपी लोक सेवा आयोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्वीकार कर लिया है कि परीक्षा में धांधली हुई है।

UP News: अब UP PCS-J की परीक्षा में धांधली आई सामने, मेन्स एग्जाम की 50 कॉपियां बदली गईं

UP News: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (ज्यूडिशियल) परीक्षा (Uttar Pradesh Public Service Commission (Judicial) Examination) में धांधली का मामला सामने आया है। मुख्य परीक्षा में 50 कॉपियां बदली गईं। यूपी लोक सेवा आयोग (UP Public Service Commission) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में स्वीकार कर लिया है कि परीक्षा में धांधली हुई है। 

पांच अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई

यूपी लोक सेवा आयोग (UP Public Service Commission) ने हाईकोर्ट में स्वीकार किया है कि गलत कोडिंग कर कॉपियां बदल दी गईं। जांच में पुष्टि के बाद लोकसेवा आयोग ने पांच अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। यूपीपीएससी सचिव अशोक कुमार (UPPSC Secretary Ashok Kumar) ने सोमवार को बताया कि इस मामले की जांच में लापरवाही बरतने का दोषी पाए जाने पर अनुभाग अधिकारी शिव शंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पर्यवेक्षी अधिकारी ने उप सचिव सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का भी निर्णय लिया है। सेवानिवृत्त सहायक समीक्षा अधिकारी चंद्रकला के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी राज्य सरकार से अनुमति मांगी गई है।

अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने लगाया कॉपी बदलने का आरोप

दरअसल, पीसीएस (जे) मुख्य परीक्षा 2022 के अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने सूचना के अधिकार के तहत अपनी उत्तर पुस्तिकाएं देखी। इसके बाद उनके द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका में लिखावट अलग थी और दूसरी उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने फटे हुए थे, जिसके कारण वह मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो सके। हाई कोर्ट के निर्देश पर कॉपियों की जांच के बाद अदला बदली की पुष्टि हुई है। 

दोबारा जारी किया जा सकता है पीसीएस जे 2022 का रिजल्ट 

वहीं, मामला अभी कोर्ट में है और अगर कुछ सवालों के जवाब आयोग नहीं दे पाता है तो फिर से कॉपियां चेक करने का कोर्ट निर्देश दे सकता है। इसी के साथ साल 2022 का पीसीएस जे का रिजल्ट भी फिर से जारी किया जा सकता है और एक बार फिर रैंक लिस्ट बन सकती है। 

पिछले साल मई में आयोजित की गई थी परीक्षा 

दरअसल, यूपी न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) (मुख्य) परीक्षा 22 से 25 मई, 2023 के बीच आयोजित की गई थी। परिणाम 30 अगस्त, 2023 को घोषित किए गए और अंक नवंबर 2023 में सार्वजनिक किए गए थे। इस दौरान यूपी लोक सेवा आयोग (ज्यूडिशियल) परीक्षा की कॉपी बदले जाने के साथ रिश्वत लेकर अभ्यर्थियों को पास करवाने के भी आरोप लगाए गए हैं। इससे पहले यूपी में आरओ, एआरओ में धांधली होने के चलते परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। इसको लेकर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है।

मामले में 8 जुलाई को होगी अगली सुनवाई 

परीक्षा में धांधली की बात स्वीकार किए जाने के बाद यूपी लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत सवालों के घेरे में हैं। यूपी सरकार की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। इस मामले में हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 8 जुलाई को होनी है।