Chief minister of Bihar: नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से फिर की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। नीतीश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हाल ही में प्रदेश में कराए गए जातीय सर्वे का जिक्र करते हुए कई प्रारंभ की जा रही योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार विशेष राज्य का दर्जा दे तो इन योजनाओं को जल्द पूरा किया जा सकता है।
Chief minister of Bihar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। नीतीश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हाल ही में प्रदेश में कराए गए जातीय सर्वे का जिक्र करते हुए कई प्रारंभ की जा रही योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार विशेष राज्य का दर्जा दे तो इन योजनाओं को जल्द पूरा किया जा सकता है।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की पुनः मांग की।
देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है। जाति आधारित गणना के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिये आरक्षण सीमा को 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत,… — Nitish Kumar (@NitishKumar) November 22, 2023
नीतीश ने (Chief Minister Nitish Kumar) एक्स पर लिखा कि देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना (Caste based census in Bihar) का काम कराया गया और उसी आधार पर आरक्षण की सीमा तय की गई। अब सभी वर्गों के लिए कुल आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है। जाति आधारित गणना में सभी वर्गों को मिलाकर बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाये गये हैं, उन सभी परिवार के एक सदस्य को रोजगार के लिए 2 लाख रुपए तक की राशि किश्तों में उपलब्ध करायी जायेगी।
बिहार में अब भूमिहीन परिवारों को मिलने वाले 60 हजार को 1 लाख कर दिया गया
इसके अलावा 63,850 आवासहीन एवं भूमिहीन परिवारों को जमीन क्रय के लिए दी जा रही 60 हजार रूपये की राशि की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रूपये कर दिया गया है। साथ ही इन परिवारों को मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रूपये दिये जायेंगे। 39 लाख परिवार, जो झोपड़ियों में रह रहे हैं, उन्हें भी पक्का मकान मुहैया कराया जायेगा, जिसके लिए प्रति परिवार 1 लाख 20 हजार रूपये की दर से राशि उपलब्ध करायी जायेगी।
उन्होंने आगे लिखा कि इन कई योजनाओं के क्रियान्वयन में लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपये की राशि व्यय होगी। इन कामों के लिये काफी बड़ी राशि की आवश्यकता होने के कारण इन्हें 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाए तो हम इस काम को बहुत कम समय में ही पूरा कर लेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि हम लोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग वर्ष 2010 से ही कर रहे हैं। हमारी मांग पर रघुराम राजन कमेटी भी बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी। लेकिन, तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया। कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है।