Assembly Elections 2023: यूपी सरकार के मंत्री और पदाधिकारी संभाल रहे हैं एमपी, राजस्थान के विधानसभा चुनाव का मोर्चा

Assembly Elections 2023: देश के दो राज्यों मध्यप्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार मंत्री और पदाधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

Assembly Elections 2023: यूपी सरकार के मंत्री और पदाधिकारी संभाल रहे हैं एमपी, राजस्थान के विधानसभा चुनाव का मोर्चा

Assembly Elections 2023: देश के दो राज्यों मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) और राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होने वाले हैं ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार मंत्री और पदाधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। विधानसभा के चुनावी जंग को जीतने के लिए बीजेपी अपने मंत्रियों को मैदान में उतार चुकी है। जानकारी के मुताबिक सीएम योगी (cm yogi), डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) और केशव प्रसाद (keshav prasad)  के हाथों में चुनाव प्रचार की कमान होगी। वहीं चुनाव प्रबंधन के काम की जिम्मेदारी संगठन के पदाधिकारियों की होगी। 

भाजपा के एक पदाधिकारी ने जानकारी दी है कि यूपी के बाहर जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां पर यहां से सरकार के मंत्री और पदाधिकारी उन क्षेत्रों में भेजे जाते हैं। पहले चरण में विधायकों को भेजा जा चुका है। प्रदेश के सभी विधायकों को एक सप्ताह के लिए एमपी, राजस्थान और तेलंगाना भेजा था। उसके बाद मंत्रियों और संगठन से जुड़े नेताओं को भी चुनावी मोर्चे पर लगा दिया गया है।

भाजपा के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भोपाल, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को सतना, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को बालाघाट, बेबीरानी मौर्य को ग्वालियर ग्रामीण, दिनेश प्रताप सिंह को रायसेन, दयाशंकर मिश्र दयालु को दतिया, कपिलदेव अग्रवाल को दमोह, अनिल राजभर को सिवनी, जेपीएस राठौर को भोपाल संभाग, प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक पंकज सिंह को विदिशा में लगाया गया है।

इसके अलावा मंत्री असीम अरुण, राष्ट्रीय मंत्री व राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर, विजयपाल तोमर, राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेई, सांसद संगमलाल गुप्ता, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह को राजस्थान में चुनावी जिम्मेदारी दी गई है।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरीश श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता संगठन द्वारा निर्देशित क्षेत्रों में चुनाव प्रबंधन और समन्वय के लिए पार्टी उन्हें भेजती है। जहां चुनाव हो रहा है वहां मदद के लिए जाते हैं। यह लगभग हर चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ता, पदाधिकारी और मंत्री वहां की विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हैं।