Maratha Reservation : मराठा आरक्षण पर बैठक में विपक्ष के न आने पर विधानसभा में महायुति विधायकों का हंगामा
महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही बुधवार को महायुति विधायकों के हंगामे के चलते तीन बार स्थगित की गई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा-ओबीसी आरक्षण मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें विपक्ष नहीं आया। इसके बाद सदन में सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए नारेबाजी की।
Maratha Reservation : महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) की कार्यवाही बुधवार को महायुति विधायकों के हंगामे के चलते तीन बार स्थगित की गई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने मराठा-ओबीसी आरक्षण (Maratha OBC reservation ) मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें विपक्ष नहीं आया। इसके बाद सदन में सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए नारेबाजी की। उन्होंने मांग की कि विपक्ष इस बात पर अपना रुख साफ करे कि मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण दिया जाना चाहिए या उन्हें ओबीसी कोटे से लाभ मिलना चाहिए।
सत्ता पक्ष ने विपक्ष के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद, भाजपा विधायक (Maharashtra BJP MLA) अमित साटम ने कहा कि "सर्वदलीय बैठक मराठा ओबीसी आरक्षण के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी। विपक्ष राजनीति करने में व्यस्त है। अगर मराठा समर्थक कार्यकर्ता ओबीसी से कोटा मांग रहे हैं तो इसमें उनका क्या दोष है? विपक्ष को चुनाव को ध्यान में रखकर राजनीति करने के बजाय अपना रुख साफ करना चाहिए।"
विपक्ष राजनीति करने में व्यस्त
भाजपा विधायक आशीष शेलार ने अंतिम समय में सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने के फैसले की घोषणा करने के लिए विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने मांग की कि यह पता चलना चाहिए कि किसके आह्वान और एसएमएस पर विपक्ष ने बैठक में शामिल न होने का फैसला किया। विपक्ष को सदन में अपनी बात रखनी चाहिए और अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। आशीष शेलार फिर खड़े हुए और मांग की कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना यूबीटी को मराठा समुदाय से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने अपनी मांग दोहराई कि किसके कहने और एसएमएस पर विपक्ष ने बैठक में शामिल न होने का फैसला किया और यह बात लोगों को पता चलनी चाहिए।
आखिरी समय में विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने का किया फैसला
आशीष शेलार के बोलते ही सत्ता पक्ष के सदस्य नारे लगाने लगे और उनमें से कुछ आसन के सामने आ गए। विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सत्ता पक्ष के सदस्यों से बार-बार अपनी सीट पर बैठने को कहा, लेकिन वे पीठासीन अधिकारियों के आसन के सामने खड़े होकर नारे लगाते रहे। नारेबाजी के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। कार्यवाही फिर से शुरू होने पर सदस्य स्पीकर की बात सुनने के मूड में नहीं थे। स्पीकर ने उन्हें अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा लेकिन वे नारेबाजी करते रहे। इस बीच विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने बोलने की कोशिश की, लेकिन नारेबाजी के बीच उन्होंने बोलने से इनकार कर दिया।
विपक्ष सामाजिक सद्भाव बिगाड़ना चाहता है- संजय कुटे
भाजपा विधायक संजय कुटे ने मांग की कि विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना-यूबीटी को मराठा ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। विधायक ने आरोप लगाया कि विपक्ष समुदायों को विभाजित करने, सामाजिक सद्भाव और शांति को बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष को स्पष्ट करना चाहिए कि वे मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के पक्ष में हैं या ओबीसी कोटे से? विपक्ष दोहरी नीति अपना रहा है।
महायुति सरकार मराठा आरक्षण पर विवाद पैदा कर रही
विजय वडेट्टीवार फिर खड़े हुए और महायुति सरकार पर मराठा-ओबीसी आरक्षण पर विवाद पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि "मुख्यमंत्री एक पक्ष से बातचीत करते हैं जबकि उपमुख्यमंत्री दूसरे पक्ष से बातचीत करते हैं।" विजय वडेट्टीवार जब बोल रहे थे तब भी सत्ता पक्ष के सदस्य नारेबाजी करते रहे। स्पीकर ने फिर से उन्हें अपनी सीटों पर जाने को कहा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में कार्यवाही नहीं चल सकती। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर फिर स्थगित कर दी।
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