Manoj Tiwari Meet Pakistani Hindu refugees: दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों से मिले मनोज तिवारी
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू होने के बाद बीजेपी सांसद मनोज तिवारी दिल्ली स्थित मजनू का टीला इलाके में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों से मिलने पहुंचे।तस्वीरों और वीडियो में दिख रहा है कि कैसे मनोज तिवारी पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों से मिल रहे हैं और उनकी व्यथा सुन रहे हैं।
Manoj Tiwari Meet Pakistani Hindu refugees: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू होने के बाद बीजेपी सांसद मनोज तिवारी दिल्ली स्थित मजनू का टीला इलाके में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों से मिलने पहुंचे। मनोज तिवारी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की गई हैं। तस्वीरों और वीडियो में दिख रहा है कि कैसे मनोज तिवारी पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों से मिल रहे हैं और उनकी व्यथा सुन रहे हैं।
हिंदू शरणार्थियों से मिले मनोज तिवारी
पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी भी उन्हें अपने परिवार का सदस्य समझकर उनके साथ अपनी व्यथा सहज भाव से साझा कर रहे हैं। इस बीच कई पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी देश में सीएए लागू किए जाने के बाद अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं।
मनोज तिवारी ने हिंदू शरणार्थियों से कहा, ''आप लोग प्रार्थना कीजिए कि मोदी जी स्वस्थ रहें, तो आपकी हर समस्या का निदान होगा। पाकिस्तान से भारत आए सभी हिंदुओं को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी। यही नहीं, आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दिनों में आप लोगों को खुद का आवास भी दिया जाएगा।'' मनोज तिवारी की बातें सुनकर सभी हिंदू शरणार्थी खुशी से झूम उठे और 'भारत माता की जय' के नारे भी लगाए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CAA पोर्टल किया लॉन्च
बता दें कि सीएए लागू होने के बाद अब इन शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो चुका है। इस कानून के अभाव में पिछले कई वर्षों से यह लोग बिना नागरिकता प्राप्त किए ही भारत में रह रहे हैं, जिसकी वजह से यह अभी तक कई सुख-सुविधाओं से वंचित हैं, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने तमाम विरोध के बीच 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू कर दिया।
सोमवार को इस संदर्भ में केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पोर्टल भी शुरू किया है, जिसमें पात्र व्यक्ति नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकता है। इस कानून के लागू होने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धर्म के आधार पर प्रताड़ित किए गए हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।