BJP MLC Letter: BJP MLC ने पत्र लिखकर सीएम योगी से पूछे कई सवाल, प्रदेश की जनता सरकार से क्यों हुई नाराज?

गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कई सवाल पूछे हैं। बीजेपी एमएलसी ने पूछा कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि प्रदेश की जनता आप की सरकार से नाराज हो गई है।

BJP MLC Letter: BJP MLC ने पत्र लिखकर सीएम योगी से पूछे कई सवाल, प्रदेश की जनता सरकार से क्यों हुई नाराज?

BJP MLC Letter: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में यूपी में बीजेपी (BJP) की कम सीटें आने के बाद से पार्टी नेताओं के सुर बगावती हो गए है। 14 जुलाई को लखनऊ (Lucknow) में हुई बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी (BJP State Executive) की बैठक में हार को लेकर मंथन हुआ था। इस बीच सीएम योगी ने पार्टी नेताओं को सख्त हिदायत देते हुए कहा था कि आगामी चुनाव के नतीजे अगर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) जैसे आए तो, इसका असर नीचे तक जाएगा। वहीं इसके अगले ही दिन बीजेपी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह (BJP MLC Devendra Pratap Singh) ने सीएम योगी (CM Yogi) को पत्र लिखकर कई सवाल किये है।

देवेन्द्र प्रताप सिंह ने सीएम योगी से पूछे कई सवाल

दरअसल, गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह (Legislative Council Member Devendra Pratap Singh) ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर कई सवाल पूछे हैं। बीजेपी एमएलसी ने पूछा कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि प्रदेश की जनता आप की सरकार से नाराज हो गई है। इसके साथ ही उन्होंने ऑनलाइन हाजिरी (online attendance) के फैसले को वापस लेने के साथ ही पुरानी पेंशन (old pension) की बहाली पर विचार करने की मांग की है। 

सरकार के लिए अभिशाप बने नौकरशाहों के निर्णय 

विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह (Legislative Council Member Devendra Pratap Singh) ने अपने पत्र में लिखा- आपके प्रदेश के सुशासन और कानून व्यवस्था की हर जगह सराहना होती है, यहां तक कि राष्ट्र के बाहर भी आपके मॉडल की चर्चा होती है। अचानक फिर ऐसा क्या हुआ कि प्रदेश की जनता सरकार से नाराज हो गई? कई कारण एक साथ मिल जाने से 2024 का परिणाम खराब रहा। जनमानस में सरकार की छवि शिक्षक और कर्मचारी विरोधी बन गई है, इसके लिए जिम्मेदार नौकरशाह हैं। उनके लिए गए फैसलों से जन आक्रोश भड़क उठा है, नौकरशाहों द्वारा लिए गए निर्णय सरकार के लिए अभिशाप बन गए हैं। 

‘शिक्षकों को पमानित और प्रताड़ित किया जा रहा’

देवेंद्र प्रताप सिंह ने पत्र में आगे लिखा- कोरोना काल में जब खून के रिश्ते भी बेमानी हो गए थे। ऐसे संकट काल में चुनावी दायित्व का निर्वहन करने में 1621 शिक्षक अकाल मृत्यु के शिकार हुए थे। लेकिन उनका लोकतंत्र के लिए दिया गया बलिदान भुला दिया गया। भारत को पोलियो में विश्व रिकॉर्ड दिलाने वाले शिक्षकों को डिजिटल हाजिरी के नाम पर अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है। शिक्षकों से शिक्षण कार्य के अतिरिक्त 30 कार्य ऑफलाइन लिए जाते हैं परंतु हाजरी ऑनलाइन क्यों?। क्या शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों के लिए कोई अतिरिक्त सुविधा दी जाती है? क्या शिक्षक इंसान ना होकर मशीन बन गए हैं? विचारणीय प्रश्न यह है कि डिजिटल हाजिरी अन्य विभागों में क्यों नहीं?

नौकरशाहों की साजिश से आपको बचना होगा- देवेंद्र प्रताप  

देवेंद्र प्रताप सिंह ने सीएम योगी को सलाह देते हुए आगे लिखा- महानिदेशक शिक्षा कार्यालय में पिछले दिनों 85 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए थे, क्या उन्होंने अपने कार्यालय में डिजिटल हाजिरी लागू किया? उन्होंने कहा कि नौकरशाहों की साजिश से आपको बचना होगा।

देवेंद्र प्रताप सिंह ने यूपी सरकार को दी सलाह

विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने अपने पत्र के अंत में लिखा- बढ़ते हुए जन आक्रोश को रोकने के लिए डिजिटल हाजिरी के निर्णय को वापस लेना होगा। पुरानी पेंशन देने पर विचार करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतिम आदेश में कहा कि तदर्थ शिक्षकों की लंबी सेवा को देखते हुए हम इन्हें बाहर करने की मंशा नहीं रखते। सुप्रीम कोर्ट की इस भावना का आदर करते हुए तदर्थ शिक्षकों को रिक्त पदों पर भरना चाहिए।