Mainpuri News: 5100 रुपये मांग में नहीं मिलने पर नर्स ने किया ये काम, बच्चें की मौत
मैनपुरी के सीएचसी करहल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नर्स को नेग के 5100 रुपये न देने पर नवजात को नर्स द्वारा कपड़े में लपेटकर 40 मिनट तक मेज पर रखे जाने से मौत हो जाने का मामला सामने आया है।
Mainpuri News: मैनपुरी के सीएचसी करहल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नर्स को नेग के 5100 रुपये न देने पर नवजात को नर्स द्वारा कपड़े में लपेटकर 40 मिनट तक मेज पर रखे जाने से मौत हो जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि परिवार के लोग बच्चा देने के लिए हाथ जोड़ते रहे, लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा और रुपये देने के बाद ही उसने बच्चा दिया।
बच्चे की मां को लगा सदमा
बच्चे की मां का नाम संजली बताया जा रहा है। जो अपना बच्चा खोने के बाद सदमे में है। बार-बार डॅाक्टरो से बच्चे को मांग रही है। परिवार के लोग उसे कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में वो बेसुध हो गई है। संजली की भी जान खतरे में है। वहीं संजली के पति सुजीत ने मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में ये भी कहा है कि अगर उसकी पत्नी को कुछ भी होता है तो इसके लिए करहल सीएचसी का स्टाफ जिम्मेदार होगा।
डीएम और सीएम को लिखा पत्र
जानकारी के मुताबिक मैनपुरी के कुर्रा थाना क्षेत्र के गांव ओन्हा पतारा के रहने वाले सुजीत कुमार ने डीएम और सीएम को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने बताया है कि 18 सितंबर को उनकी पत्नी संजली को लेबर पेन हुआ तो वो अपनी पत्नी को लेकर सीएचसी करहल आए थे। जहां नर्स ज्योति और स्टाफ के अन्य लोगों ने बड़ी मुश्किल से उनकी पत्नी को भर्ती तो कर लिया, लेकिन उसके इलाज में लापरवाही बरती। यही नहीं, अगले दिन जब उनकी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया तो नर्स ज्योति ने 5100 रुपये नेग की मांग की। इतना पैसा उनके पास नहीं था तो बच्चा उन्हें देने के बजाय नर्स ने कपड़े में लपेट कर मेज पर रख दिया। जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
बच्चे की मौत पर मचा हंगामा
सुजीत के मुताबिक उसने अपने दोस्तों से कर्ज लेकर 5100 रुपये की व्यवस्था की और नर्स को दिए। इसके बाद नर्स ने उन्हें बच्चा तो दे दिया, लेकिन उसकी हालत काफी खराब थी। आनन-फानन में इस बच्चे को सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। जब वो बच्चे को मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसकी जानकारी मिलने पर परिजनों ने खुब हंगामा किया। इसके बाद सीएमओ ने मामले की जांच का आदेश दिया हैं। परिजनों के मुताबिक इस मामले में आशा कर्मी की भूमिका भी संदिग्ध है।