Kidney Transplant in Prayagraj: प्रयागराज के स्वरुप रानी में भी जल्द शुरु होगा गुर्दा प्रत्यारोपण
प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में प्रयागराज के अलावा कई अन्य जनपदों के मरीज भी इलाज कराने के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें लखनऊ या अलग जगहों पर रेफर करना पड़ता है पर अब प्रयागराज में यह सुविधा होने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
Kidney Transplant in Prayagraj: महानगरों व राजधानी की तरह अब संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में भी गुर्दा प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) शुरु करने की तैयारी हो रही है। प्रयागराज के स्वरूपरानी अस्पताल (Swaroop Rani Nehru Hospital) में जल्द ही यह सुविधा शुरू होने वाली है। बता दें कि अभी तक गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए मरीजों को लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान (SGPI), राममनोहर लोहिया संस्थान (Swaroop Rani Nehru Hospital) व किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज (KGMU) या अन्य बड़े शहरों में जाना पड़ता था, लेकिन अब 1 महीने के अंदर ही ये सुविधा प्रयागराज में भी शुरु हो जाएगी। जिसके बाद गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए लोगों को अब महानगरों व राजधानी के अस्पतालों में नहीं जाना होगा।
एक्सपर्ट ले रहे जायजा
दरअसल किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जिन संसाधनों की जरुरत होनी चाहिए वह अस्पताल में हैं या नहीं यह जानने के लिए सरकार द्वारा एक टीम गठित की गई है। किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर सुरेश कुमार (Professor Suresh Kumar, KGMU) समेत चार सदस्यीय टीम मंगलवार को अस्पताल पहुंच कर जांच पड़ताल करा रही है।
प्रशासन को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
प्रोफेसर सुरेश कुमार ने बताया कि इस अस्पताल में ब्लड बैंक, ओटी, समेत वार्ड आदि का निरीक्षण कर लिया गया है। इसकी रिपोर्ट हम लोग शासन को देंगे।
डॅाक्टरों ने क्या कहा
मोतीलाल नेहरू मेडिकल काॅलेज (Moti Lal Nehru Medical College) के यूरोलाॅजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिलीप चौरसिया ने जानकारी दी है कि प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में प्रयागराज के अलावा कई अन्य जनपदों के मरीज भी इलाज कराने के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें लखनऊ (Lucknow) या अलग जगहों पर रेफर करना पड़ता है पर अब प्रयागराज में यह सुविधा होने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
20 सालों का प्रयास
वहीं नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद गुप्ता ने बताया कि इस अस्पताल में बड़ी संख्या में किडनी ट्रांसप्लांट के मरीज पहुंचते हैं लेकिन यहां यह सुविधा न होने से मरीजों को काफी असुविधा होती है। डॉ. अरविंद गुप्ता ने बताया कि इसके लिए 20 सालों से प्रयास किया जा रहा है, जिसके बाद अब जाकर सरकार से हरी झंडी मिलने वाली है।