Infantry Day 2023 : भारतीय सेना आज पैदल सेना दिवस मना रही है, जानें आखिर क्यों मनाते हैं पैदल सेना दिवस?

Infantry Day 2023 : भारतीय सेना आज पैदल सेना दिवस मना रही है, जानें आखिर क्यों मनाते हैं पैदल सेना दिवस?

INFANTRY DAY 2023 : भारतीय सेना आज‌ ( 27 अक्टूबर) अपना 75वां 'इन्फैंट्री डे' यानी पैदल सेना दिवस मना रही है. इसी दिन 1947 में सेना की सिख रेजीमेंट ने वायुसेना के विशेष डकोटा विमान से श्रीनगर में लैंड कर जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तानी सेना और कबायलियों के चंगुल से बचाया था। भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के इरादों का निस्तनाबुत किया था। जिसके लिए देश आज यानी 27 अक्टूबर को पैदल सेना दिवस के रूप में याद करता है और उन वीरों का सम्मान करता है। भारतीय सेना के जवानों की ओर से इस महीने बाइक रैल की शुरूआत की गई जो देश भर की यात्रा के बाद राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (NATIONAL WAR MEMORIAL) पर समाप्त हुई।

इन्फैंट्री डे का इतिहास (History of Infantry Day)

बता दें कि भारतीय सशस्त्र बल में पैदल सेना यानी इन्फैंट्री एक खास हिस्सा है, जो जमीनी जंग में सबसे आगे रहती है। जिसके लिए हर साल 27 अक्टूबर को इन्फेंट्री डे मनाया जाता है। आज ही के दिन पैदल सेना ने अपनी जांबाजी से कश्मीर में एक मिशन चलाया था। इस दौरान कश्मीर सहित दो अन्य रियासतें भारत का हिस्सा बनी थीं। तब कश्मीर में राजा हरि सिंह का शासन था । देश के आजाद होते ही पाकिस्तानी सैनिक कबायली बनकर जम्मू और कश्मीर में घुस पैठ करने में प्रयास रहे थे। कश्मीर के कई हिस्सों में कबायली हिंसा फैला रहे थे । जब इस बात की भनक कश्मीर के राजा हरिसिंह को लगी तो वो परेशान हो गए। अब उनके पास कोई चारा नहीं बचा था। तब उन्हों ने भारतीय सेना से मदद के लिए गुहार लगाई। फिर सेना ने कश्मीर में दस्तक दी। 27 अक्टूबर को सिख रेजीमेंट की पहली बटालियन श्रीनगर एयरबेस पहुंचा। इसके बाद सेना ने कश्मीर को अपने कंट्रोल में लेने का प्रयास किया और इसमें काफी हदतक सफल हुए।

कबायलीयों का तेज फैलाव 

कबायली को बैक सपोर्ट पाकिस्तानी रेंजर दे रहे थे। इन दुश्मनों को रोकने के लिए सेना की सिख रेजिमेंट एक दीवार बनकर खड़ी हो गई। पाकिस्तानी तेजी से जम्मू-कश्मीर में अपनी पैठ जमा रहा था। लिंक रोड के जरिए अगर भारतीय सैनिक को भेजा जाता तो काफी समय लग जाता और जरा सी भी लेट होना की पाकिस्तान के कश्मीर पर कब्जा कर लेता। बाइकर समूहों का नेतृत्व शिलांग से असम रेजिमेंट, अहमदाबाद से मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट, उधमपुर से जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट और वेलिंगटन से मद्रास रेजिमेंट द्वारा किया गया। दस बाइकर्स वाले प्रत्येक समूह ने इन्फैंट्री के एस्प्रिट-डी-कॉर्प्स  को प्रदर्शित करने के लिए 8000 किलोमीटर की समूची यात्रा को पूरा किया। सभी दिशाओं से आगे बढ़ने के पीछे न केवल इन्फैंट्री की भावना व साहस का प्रदर्शन करना है, बल्कि हमारे नागरिकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करना भी है।

पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा लिया गया एक्शन

आनन-फानन में 26 अक्टूबर की रात को एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई है, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने सिख रेजीमेंट को वायु मार्ग से भेजने का फैसला लिया। वही 27 अक्टूबर की सुबह भारतीय सैनिकों को लेकर दो विमानों ने कश्मीर के लिए उड़ान भरी। इसके अलावा कई जवानों को विशेष विमान से मैदान में उतारने के लिए निर्णय लिया गया। इसी दिन को इतिहास में याद रखने के लिए पैदल सैनिक दिवस मनाया जाता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने (INFANTRY DAY 2023) दी बधाई

राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना को इन्फैंट्री दिवस की बधाई दी. उन्होंने कहा साहसी पैदल सेना कर्मियों और उनके परिवारों को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं। भारतीय पैदल सेना को अत्यधिक साहस और व्यावसायिकता से जोड़ा गया है. राष्ट्र उनकी बहादुरी, बलिदान और सेवा को सलाम करता है।