IIT Madras: देशभर में गुड्स ट्रांसपोर्ट को अधिक लाभदायक बनाएगा आईआईटी का ऐप
आईआईटी मद्रास के फैकल्टी, छात्रों और पूर्व छात्रों ने एक मोबाइल एप्लिकेशन विकासित किया है। आईआईटी के मुताबिक यह ड्राइवरों को उपभोक्ताओं से सीधे जोड़ेगा। इसमें कोई कमीशन या ऑन-बोर्डिंग शुल्क भी नहीं लेगा। उपभोक्ता सीधे ड्राइवर को भुगतान करेंगे, यानी कोई बिचौलिया नहीं होगा।
IIT Madras: आईआईटी मद्रास के फैकल्टी, छात्रों और पूर्व छात्रों ने एक मोबाइल एप्लिकेशन विकासित किया है। आईआईटी के मुताबिक यह ड्राइवरों को उपभोक्ताओं से सीधे जोड़ेगा। इसमें कोई कमीशन या ऑन-बोर्डिंग शुल्क भी नहीं लेगा। उपभोक्ता सीधे ड्राइवर को भुगतान करेंगे, यानी कोई बिचौलिया नहीं होगा।
आईआईटी का मानना है कि इस ऐप से शहरों में माल परिवहन का काम पहले के मुकाबले आसान, कारगर और अधिक लाभदायक होगा। आईआईटी ने इस मोबाइल ऐप का नाम 'ऑप्टरूट' रखा है। आईआईटी मद्रास में इनक्यूबेट किए गए स्टार्ट-अप 'ऑप्टरूट लॉजिस्टिक्स' ने इस ऐप का पहला वर्जन तैयार और फिर उसका व्यावसायीकरण किया है। इस स्टार्ट-अप के सह-संस्थापक आईआईटी मद्रास में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एनएस नारायणस्वामी और आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र अनुज फुलिया हैं।
स्टार्ट-अप ने पैकिंग और वाहन में उपलब्ध जगह के सदुपयोग के तरीके भी विकसित किए हैं। ऐप में अधिक से अधिक लोगों के जुड़ने के बाद ये फीचर शामिल किए जाएंगे। आने वाले समय में इस ऐप के विशेष लाभ बताते हुए आईआईटी मद्रास के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर नारायणस्वामी ने कहा, ''ऑप्टरूट का लक्ष्य माल संचालन और परिवहन के कारोबार में ड्राइवरों और ग्राहकों के बीच संपर्क संबंधी समस्याएं दूर करना है। ट्रांसपोर्टरों की मौजूदा समस्याएं हैं, वापसी में माल भाड़ा नहीं मिलना और वाहन की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं होना। वर्तमान में यह बाज़ार बहुत असंगठित है इसलिए बहुत लाभदायक नहीं है। ऐसे में टेक्नोलॉजी के माध्यम से समाधान समय की मांग है। यह राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति, 2022 के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भी जरूरी है।''
'ऑप्टरूट' लॉजिस्टिक्स के सह-संस्थापक और आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र अनुज फुलिया ने कहा, ''हमारा मोबाइल एप्लिकेशन ग्राहकों और ड्राइवरों को आपस में जोड़ता है। 'ऑप्टरूट' में थर्ड पार्टी की सेवाएं नहीं ली जाती है, इसलिए इसके काम-काज पर न्यूनतम खर्च होता है। इस तरह हम बिना किसी कमीशन अपनी सेवा दे रहे हैं। ऐप के डिजाइन और विकास में आईआईटी मद्रास के पूर्व और वर्तमान छात्रों का महत्वपूर्ण योगदान है। साल के अंत तक 500 से अधिक शहरों में हमारी यह सेवा उपलब्ध होगी।''
'ऑप्टरूट' ऐप में दो यूजर मोड हैं - ड्राइवर और कस्टमर। कस्टमर मोड में यूजर माल परिवहन के लिए जरूरी वाहन का अनुरोध कर सकते हैं। ड्राइवर मोड में यूजर उनका अनुरोध देख और स्वीकार कर सकते हैं। 'ऑप्टरूट' और अब तक उपलब्ध अन्य सेवाओं में अंतर यह है कि यह प्रति ट्रांजेक्शन शून्य कमीशन और सदस्यता शुल्क भी न्यूनतम प्रदान करता है। उपभोक्ता सीधे ड्राइवर को भुगतान करते हैं।
सॉफ्टवेयर सिस्टम और इसके काम-काज का व्यापक विस्तार कर सकते हैं। ड्राइवर और ग्राहक दोनों के लिए एक ही ऐप है। 'ऑप्टरूट' ऐप एंड्रॉइड डिवाइस के लिए है और यह गूगल प्ले से इंस्टॉल कर सकते हैं। अभी यह ऐप अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, कोयंबटूर, दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नोएडा, पंचकुला, पुणे, मोहाली, सूरत और जीरकपुर सहित भारत भर के कई शहरों में उपयोग में है।