How to wear a helmet: बाइक या स्कूटी चला रहे हैं तो हेलमेट पहनना है जरुरी, जानें हेलमेट पहनने का सही तरीका

कई लोग तो हेलमेट सिर्फ चालान से बचने के लिए खरीदते हैं। मानो हेलमेट लगाकर वो दूसरों पर एहसान करने वाले हैं. जान है तो जहान है।

How to wear a helmet: बाइक या स्कूटी चला रहे हैं तो हेलमेट पहनना है जरुरी, जानें हेलमेट पहनने का सही तरीका

How to wear a helmet: आए दिन सड़कों पर हाई स्पीड, लापरवाही, जल्दबाजी और सड़क नियमों का पालन नही करने की वजह से एक्सीडेंट (Accident) होते रहते हैं। आज की दौड़ती भागती जिंदगी में कोई ट्रैफिक (Traffic) में रूकना नही चाहता है। अपने सिर्फ 2 से 5 मिनट बचाने के चक्कर में एक्सेलेरेटर (Accelerator) को खींच कर रखते हैं। और अपनी बेशकीमती जान की भी परवाह नहीं करते। कई बार इन लोगों की हाई स्पीड (High Speed) के चक्कर में ये खुद तो घायल होते ही है साथ ही सड़क पर पैदल चलने वालों को भी घायल कर देते हैं।

जैसे कार के लिए सीट बेल्ट (Seat Belt) जरूरी होती है ठीक वैसे ही बाइक के लिए हेलमेट (Helmet) जरूरी होता है। कई लोग तो हेलमेट सिर्फ चालान से बचने के लिए खरीदते हैं। मानो हेलमेट लगाकर वो दूसरों पर एहसान कर रहे हैं। जान है तो जहान है। सड़क पर बाइक (Bike) चलाते हुए हेलमेट लगाना बहुत ही जरूरी है। 

बिना हेलमेट बाइक चलाने से दो चीज़ हो सकती हैं। एक तो चालान और दूसरा दूर्घटना होने पर ज्यादा चोट लगना। कई लोग सड़क पर चलते समय खुद की बजाय बाइक या स्कूटी को हेलमेट पहना देते हैं या तो हाथ में टांग लेते हैं अब ये सोचने की बात है, गाड़ी को हेलमेट क्यों पहनाना है, या हाथ में भी क्यों टांगना है आपके दिमाग में 10 लाख न्यूरॉन (10 Lakh Neuron) होते हैं, जिन्हें सुरक्षा की जरूरत है।

टू व्हीलर (Two Wheeler) चलाते समय में हेलमेट लगाना इतना जरूरी इसलिए हो जाता है क्योंकि एक्सीटेंड होने से ज्यादातर मौतें हेड इंजरी (Head Injury) की वजह से होती है। अगर हेलमेट लगाए रहेगें तो आपके सिर की सुरक्षा रहेगी साथ ही सर्वाइकल स्पाइन इंजरी (cervical spine injury) होने का खतरा भी कम हो जाता है। और हेलमेट आंखो को धूल, मिट्टी से भी बचाता है।

हेलमेट खरीदते समय कुछ बातों का जरूरी है

•    हमेशा ओरिजिनल हेलमेट का इस्तेमाल करें, अपने सिर के शेप और साइज के हिसाब से हेलमेट खरीदें। 
•    हेलमेट आपके सिर पर पूरी तरह फिट भी होना चाहिए। कई बार ढीला होने पर एक्सीडेंट होने की सिचुएशन में ये सिर से निकल जाता है।
•    हेलमेट में ठीक-ठाक वेंटिलेशन (Ventilation) भी होना चाहिए। ताकि भारी ट्रैफिक में फंसने पर सांस लेने में परेशानी न हो।

भारत का सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways of India) के मुताबिक हेलमेट के बारे में कई बातें बताई गईं हैं।

•    हेलमेट ISI मार्क (Helmet ISI Mark) वाला ही खरीदें।
•    हेलमेट का वेट 1.2 किलोग्राम (Kilogram) तक होना चाहिए।
•    हेलमेट के डबल – डी लॉक (Double D Lock) को जरूर चेक कर लें, ताकि झटका लगने पर सिर से बाहर न निकले।
•    आपके हेलमेट में ऐसा कुछ जरूर लगा होना चाहिए, जो अंधेरे में चमके। जैसे ब्लिंकिंग लाइट या नायलन कलर।


मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 (Section 129 of Motor Vehicles Act) के अनुसार बिना हेलमेट के बाइक या स्कूटी चलाना दंडनीय अपराध (Punishable Offence) है। पकड़े जाने पर 500 से 1000 रुपये तक का चालान, गाड़ी सीज और ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) के सस्पेंशन के साथ 3 महीने तक की सजा भी हो सकती है। हेलमेट लगाकर गाड़ी चलाते समय अगर उसकी स्ट्रिप यानी पट्टी नहीं बंधी है तो ऐसे में 194D MV ACT के तहत 1000 रुपये का चालान काटा जा सकता है।

हर बाइक के लिए एक तरह का हेलमेट सही नहीं होता है। जैसी बाइक है, उसी हिसाब से ही हेलमेट का सिलेक्शन करना चाहिए।

•    हाई स्पीड वाली बाइक के लिए फुल फेस हेलमेट
•    ऑफ रोड बाइकिंग के लिए ऑफ रोड हेलमेट
•    शहरों में बाइकिंग के लिए हाफ फेस हेलमेट या मॉड्यूलर हेलमेट पहनना जरूरी है