Gyanvapi Mosque Survey : CJI आज सुनेंगे ज्ञानवापी तहखाने में पूजा रोकने की याचिका
सुप्रीम कोर्ट आज मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर ज्ञानवापी तहखाने में पूजा रोकने की याचिका पर आज सुनवाई करेगा। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में हिंदू प्रार्थनाओं की अनुमति दी थी।
Gyanvapi Mosque Survey : सुप्रीम कोर्ट आज मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर ज्ञानवापी तहखाने में पूजा रोकने की याचिका पर आज सुनवाई करेगा। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में हिंदू प्रार्थनाओं की अनुमति दी थी। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ लगभग 11 बजे के याचिका को सुनेगी।
वाराणसी जिला अदालत ने हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया
बता दें की 31 जनवरी को वाराणसी जिला अदालत ने इस मामले में हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसके खिलाफ ही मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा था। उच्च न्यायालय के 26 फरवरी को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की याचिका खारिज करते हुए व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष की पूजा को जारी रखने का आदेश दिया था। । मुस्लिम पक्ष का कहना है कि पूजा स्थल अधिनियम-1991 में इलाहाबाद हाई कोर्ट का हस्तक्षेप ठीक नहीं है।
ज्ञानवापी में बड़ा हिंदू मंदिर
ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ज्ञानवापी में एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। 17वीं शताब्दी में जब औरंगजेब का शासन था। उस वक्त ज्ञानवापी स्ट्रक्चर को तोड़ा गया। कुछ हिस्सों को मॉडिफाई किया गया। मूलरूप को प्लास्टर और चूने से छिपाया गया। 839 पेज की रिपोर्ट में ASI ने परिसर के प्रमुख स्थानों का जिक्र किया।
दीवार के नीचे 1 हजार साल पुराने अवशेष मिले
रिपोर्ट में बताया कि कन्नारथा, प्रतिरथा और नागर शैली में बनी पश्चिमी दीवार के अध्ययन से पता चलता है कि यह हिंदू मंदिर का हिस्सा है। यह दीवार 5 हजार साल पहले नागर शैली में बनी है। दीवार के नीचे 1 हजार साल पुराने अवशेष मिले हैं। यही नहीं, परिसर में एक शिलालेख का टूटा हिस्सा मिला। जिसका मूल पत्थर ASI म्यूजियम में हैं। यह शिलालेख 1966 का है। इस पर महामुक्ति मंडप लिखा है। औरंगजेब शासन (1792-93) के दौरान स्थल का मूल तत्व क्षतिग्रस्त किया गया।