EVM-VVPAT: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग, EVM-VVPAT पर्चियों की क्रॉस-चेकिंग भी नहीं होगी
सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 26 अप्रैल को ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों की 100 प्रतिशत क्रॉस-चेकिंग की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने बैलट पेपर से मतदान करवाने के सुझाव वाली याचिका भी खारिज कर दी है।
EVM-VVPAT: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज यानी 26 अप्रैल को ईवीएम और वीवीपैट (EVM and VVPAT) पर्चियों की 100 प्रतिशत क्रॉस-चेकिंग की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बैलट पेपर से मतदान करवाने के सुझाव वाली याचिका भी खारिज कर दी है।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने की सुनवाई
जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) और जस्टिस दीपांकर दत्ता (Justice Dipankar Dutta) की पीठ ने मामले की सुनवाई की और केस में अपना फैसला सुनाया। जस्टिस दीपांकर दत्ता (Justice Dipankar Dutta) ने कहा कि किसी सिस्टम पर आंख मूंदकर संदेह करना सही नहीं है। इसलिए हमारे अनुसार सार्थक आलोचना की आवश्यकता है, चाहे वह न्यायपालिका हो, विधायिका हो। लोकतंत्र का अर्थ सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास बनाए रखना है। विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं।
सिस्टम में दखल देने से बेवजह आशंका पैदी होगी- SC
कोर्ट ने कहा कि सिस्टम में दखल देने से बेवजह आशंका पैदी होगी। हमने प्रोटोकॉल और तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की है। कोर्ट ने कहा कि हमने 2 निर्देश दिए थे। पहला ये कि चुनाव चिन्ह लोडिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट को सील कर दिया जाए। सिंबल लोडिंग यूनिट को 45 दिन तक स्टोर रखा जाए। दूसरा ये कि उम्मीदवारों की अपील पर रिजल्ट के बाद इंजीनियरों की एक टीम माइक्रोकंट्रोलर ईवीएम में बर्न मेमोरी की जांच करेगी। यह काम रिजल्ट घोषित होने के 7 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। इसका खर्च कैंडिडेट को उठाना होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को वीवीपैट की गिनती में मशीन की मदद लेने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल को सुरक्षित रख लिया था फैसला
इससे पहले 24 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में 40 मिनट की सुनवाई के बाद पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि, हम मेरिट के आधार पर दोबारा सुनवाई नहीं कर रहे हैं। बल्कि, हम कुछ निश्चित स्पष्टीकरण चाहते हैं। हमारे कुछ सवाल थे जिसके हमें जवाब मिल गए है और हम फैसला सुरक्षित रख रहे हैं।
अरुण कुमार अग्रवाल ने अगस्त 2023 में दाखिल की थी याचिका
वीवीपैट पर्चियों की 100 प्रतिशत वेरिफिकेशन को लेकर एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल ने अगस्त 2023 में याचिका लगाई गई थी। याचिका में कहा गया कि मतदाता को वीवीपैट की पर्ची फिजिकली वेरिफाई करने का मौका दिया जाना चाहिए। वोटर्स को खुद बैलट बॉक्स में पर्ची डालने की सुविधा मिलनी चाहिए। इससे इलेक्शन में गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाएगी।
केंद्र की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने की पैरवी
इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े पैरवी कर रहे हैं। प्रशांत एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से हैं। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से अब तक एडवोकेट मनिंदर सिंह, अधिकारीयों और केंद्र सरकार की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं।