Diwali Special Dish: जानें क्यों दीवाली में सूरन यानी जिमीकंद की सब्जी क्यों खातें हैं, जानें वजह
जिमीकंद यानी सूरन एक ऐसी सब्जी है जो किसी त्यौहार पर बने या न बने पर दीवाली पर जरुर बनती है । लेकिन इसके पीछे की कहानी क्या है ये शायद ही आपको पता हो, तो आज हम जानते है इसके पीछे की कहानी।
Why is Jimikand made in diwali: हर त्यौहार का अपना अलग महत्व होता हैं। साथ ही उस दिन बनने वाले पकवान का भी अलग कारण होता है। किसी भी चीज को करने के पीछे कोई न कोई कारण होता है। जैसे मकर संक्रांति में खिचड़ी, लोहड़ी में तिल के लड़डू, होली में गुजिया बनाने का रिवाज है। इसी तरह दिवाली में जिमीकंद यानी खाने की परंपरा है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसके पीछे का कारण क्या है।
दरअसल ये परंपरा ज्यादातर पूर्वांचल के इलाकें में है। यहां दीपावली के दिन जिमीकंद की सब्जी बनाना शुभ माना जाता है।
क्या है इसकी कहानी
जिमीकंद यानी सूरन की सब्जी बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। बता दें कि जिमीकंद जमीन के नीचे उगता हैं।यह जमीन से निकलने वाली सब्जी है। इसकी जड़ को काट कर निकाल दिया जाता है लेकिन उसके बाद वह फिर से उग जाता है। ठीक उसी प्रकार जिमीकंद की सब्जी को बढ़ते हुए धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसी वजह से दिवाली में जिमीकंद की सब्जी मनाई जाती हैं।
डायबिटीज में मददगार
जिमीकंद आपकी सेहत के लिए भी काफी फायदेंमंद है। इसमें नेचुरल तौर पर एलेंटॉइन नाम का केमिकल कंपाउंड पाया जाता है जिसमें एंटी-डायबिटिक प्रभाव होता है। जिस वजह से ये डायबिटिक मरीजों के लिए फायदेमंद है। साथ ही यह सब्जी लिपिड प्रोफाइल में सुधार करने में भी मदद करती है।और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करके मधुमेह से राहत देने में मददगार होती है।
तनाव कम करने में करता है मदद
जिमीकंद यानी कि सूरन वो सब्जी है जो हमारे मधुमेह को अलावा तनाव कम करने में बहुत लाभदायक होता है। इसमें विटामिन A, पोटैशियम और आयरन समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और मूड को सकारात्मक बनाते हैं। इसे एक आयुर्वेदिक औषधि भी माना जाता है। नियमित रूप से जिमीकंद का सेवन करने से तनाव और चिंता से राहत मिल सकती है।