Chirag Paswan : सातवें चरण का चुनाव औपचारिकता, एनडीए गठबंधन की जीत पक्की - चिराग पासवान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बिहार दौरे को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बहुत देर कर दी हुजूर आते-आते। अब तो अंतिम चरण है, अब आने से कोई फायदा नहीं होने वाला है।
Chirag Paswan : कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बिहार दौरे को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बहुत देर कर दी हुजूर आते-आते। अब तो अंतिम चरण है, अब आने से कोई फायदा नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि यह लोग जान चुके हैं कि बिहार में इनका कुछ नहीं होने वाला है, सिर्फ खानापूर्ति के लिए आ रहे हैं। बाद में कोई ना बोले कि इतना बड़ा राज्य है बिहार, जहां से देश की राजनीति की दशा और दिशा तय होती है, वहां पर यह लोग गए ही नहीं, यह सिर्फ खानापूर्ति के लिए आ रहे हैं। बिहार से इनका कोई लेना-देना नहीं है।
1 जून को इंडिया गठबंधन की समीक्षा बैठक
एक जून को इंडिया गठबंधन की बैठक पर चिराग पासवान ने कहा कि समीक्षा बैठक क्या कर रहे हैं, जो लोग चुनाव से पहले एक साथ नहीं आ पाए, चुनाव में सीटों का बंटवारा एक साथ नहीं कर पाए, वह लोग एक जून को समीक्षा करेंगे कि कितनी सीटों पर चुनाव जीत रहे और प्रधानमंत्री कौन होगा। इनका सिर्फ दिखावा है ताकि सातवें चरण के मतदान पर इसका असर पड़े। हकीकत ये है कि इस बैठक से कुछ होने वाला नहीं है। इस बार एनडीए इतिहास में सबसे ज्यादा सीटों के साथ सरकार बनाने जा रही है। सातवां चरण एक औपचारिकता मात्र है। जीत तो एनडीए की पक्की है।
पीएम मोदी अपने अनुभव से काम कर रहे हैं
तेजस्वी यादव की ओर से यह कहने पर कि 32 साल के युवा से प्रधानमंत्री मोदी डर गए हैं, चिराग पासवान ने कहा कि इतना गुरुर किसी को नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी अपने अनुभव से काम कर रहे हैं, मैं हमेशा उम्र का, तजुर्बे का सम्मान करने का पक्षधर रहा हूं। मेरे प्रधानमंत्री आपको धमकी नहीं दे रहे हैं। आपको सुझाव दे रहे हैं और जो प्रत्यक्ष है, उसकी जानकारी दे रहे हैं।
किसी की उम्र का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए- चिराग
उन्होंने कहा कि क्या तेजस्वी यादव बेल पर नहीं हैं? जमीन के बदले नौकरी के मामले में आपके परिवार के लोग आरोपी नहीं हैं? अगर प्रधानमंत्री अपने अनुभव से आपको कोई सुझाव दे रहे हैं, तो उसे मानना चाहिए, ना कि इस तरीके से किसी की उम्र का मजाक उड़ाना चाहिए। जेपी आंदोलन में आपके पिता भी युवा नेता थे, मेरे पिताजी भी युवा थे। उम्र का पहिया चलता रहता है। किसी की उम्र को लेकर इस तरह से कटाक्ष करना अच्छी बात नहीं है।