CM yogi Samiksha baithak: CM योगी ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर की समीक्षा बैठक, बोले ‘हर अस्पताल के लिए हो नोडल अधिकारी’

CM yogi Samiksha baithak: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक की, बैठक में प्रदेश में संचारी रोगों की स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने यूपी के हर अस्पताल के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। साथ ही हर शाम को निरीक्षण भी करने को कहा। बैठक में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक रहे मौजूद।

CM yogi Samiksha baithak: CM योगी ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर की समीक्षा बैठक, बोले ‘हर अस्पताल के लिए हो नोडल अधिकारी’

CM yogi Samiksha baithak: सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath ने आज अपने सरकारी आवास पर प्रदेश में संचारी रोगों (Communicable diseases) की स्थिति की समीक्षा बैठक की। इस दौरान सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि यूपी के हर अस्पताल के लिए नोडल अधिकारी (Nodal Officer) नियुक्त करें। और जिम्मेदारी तय करें कि हर शाम को निरीक्षण भी किया जाएगा।

नोडल अधिकारी किया जाए नामित

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी व निजी अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों में रोगियों की नियमित रिपोर्टिंग जरूर हो। प्रदेश के सभी अस्पतालों (hospitals in UP) के लिए जिलाधिकारी (DM ) द्वारा एक-एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। जो हर दिन, शाम को अस्पतालों की जांच कर जिससे व्यवस्था सुचारू बनी रहे। सीएम योगी ने कहा  हर साल अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर महीनों में संचारी रोगों (communicable diseases) पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अंतर्विभागीय समन्वय के साथ विशेष अभियान संचालित होता है। अक्टूबर महीने से इसका नया चरण शुरू होना है। इसमें सरकारी प्रयास के साथ-साथ जनसहभागिता भी महत्वपूर्ण है। हमारे सामने अपना इंसेफेलाइटिस (Encephalitis) नियंत्रण और कोविड (Covid )प्रबंधन के दो सफल मॉडल हैं, जो संचारी रोग अभियान में हमारे लिए उपयोगी होंगे। आज हर जिले में डेंगू (Dengue) जांच की सुविधा है। 15 नवम्बर तक का समय संचारी रोगों की दृष्टि से हमारे लिए संवेदनशील है।

डेंगू - चिकनगुनिया पर हो रोक-थाम

सीएम योगी ने कहा कि हाल के दिनों में गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, मेरठ, मुरादाबाद जनपद डेंगू से प्रभावित रहे हैं। बुलंदशहर व संभल में डेंगू आउटब्रेक (Dengue Outbreak) की स्थिति भी देखी गई। जबकि बरेली, सीतापुर, शाहजहांपुर, हारदोई बदायूं, पीलीभीत और संभल में मलेरिया (Malaria) का असर रहा है। इसी तरह, प्रयागराज, कानपुर नगर, बाराबंकी, कुशीनगर, संत कबीरनगर, सहारनपुर व बस्ती में चिकनगुनिया (Chikungunya) की दृष्टि से संवेदनशील हैं। इन जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

इंसेफेलाइटिस से मौतों पर लगी रोक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में इंसेफेलाइटिस (encephalitis) से हजारों बच्चों की मौत होती थी। 2017 में हमने अंतर्विभागीय समिति बनाई, सभी विभागों (government departments) ने मिलकर काम किया। अस्पताल (government hospital) बनवाये, पीकू बनवाये, चिकित्सक तैनात किये। साथ-साथ पीने के साफ पानी और शौचालय की व्यवस्था भी कराई। नतीजा इस वर्ष 01 जनवरी से 07 सितंबर तक जापानी इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया व मलेरिया से एक भी मृत्यु नहीं हुई है. 04 दशक तक कहर बनी रही बीमारी पर हमने 05 वर्ष में नियंत्रण पा लिया।

अस्पतालों में दवा की उपलब्धता

मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं भी हॉटस्पॉट (hotspot) की स्थिति न बनने पाए। यदि कहीं भी ऐसी स्थिति हो तो वहां संबंधित नगर अधिशाषी अधिकारी (Executive Officer) स्वयं पहुंच कर निरीक्षण करें। अस्पतालों में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। योगी ने कहा कि पीएचसी/सीएचसी व अन्य अस्पतालों में तैनात पैरामेडिक्स नियमित रूप से अपनी सेवाएं जरूर दें। चिकित्सा व स्वास्थ्य व्यवस्था में अराजकता व अव्यवस्था फैलाने की कुत्सित करने वालों से पूरी कठोरता से निपटा जाए।

सैनीटाइज़ेशन और फॉगिंग कराएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदों में आउटब्रेक्स की स्थिति पर नियंत्रण हेतु ठोस प्रयास किये जाने आवश्यक है। नगर विकास, ग्राम विकास (Village development) एवं पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department) मच्छरों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु फॉगिंग एवं लार्वीसाइडल स्प्रे (larvicidal spray) कराई जाए। सुबह सैनीटाइज़ेशन (Sanitization) व शाम को फॉगिंग का कार्य निरंतरता के साथ कराएं। जल भराव का निस्तारण कराएं, स्वास्थ्य विभाग (UP health Department)  द्वारा उपलब्ध कराई गई हाई रिस्क क्षेत्रों की सूची में उल्लिखित समस्त क्षेत्रों में सतत वैक्टर नियंत्रण एवं संवेदीकरण गतिविधियाँ से संचालित की जाएं।

समय पर एम्बुलेंस उपलब्ध हो

योगी ने कहा कि रोगियों के आवागमन के लिए एम्बुलेंस (Free ambulance in UP) की पर्याप्त उपलब्धता रहे। एम्बुलेंस का रिस्पांस टाइम न्यूनतम रखा जाए। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी हेल्थ सर्विसेज को त्वरित आउटब्रेक रिस्पॉन्स के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। त्वरित आउटब्रेक रिस्पॉन्स के लिए डिजीज सर्विलांस डेटा तंत्र का सुदृढ़ीकरण किया जाए।