Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो के दोषियों पर गुजरात पुलिस का दावा- ‘अभी तक आरोपियों से संपर्क नहीं’
दाहोद के एसपी बलराम मीणा ने कहा है कि पुलिस के पास दोषियों के सरेंडर करने की जानकारी नहीं है। साथ ही उन्हें अभी तक सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी भी नहीं मिली है।
Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजरात सरकार (Gujarat Government) के फैसले को पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस के 11 दोषियों की रिहाई के फैसले को रद्द करते हुए उन्हें 2 सप्ताह के अंदर सरेंडर करने के आदेश दिये। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से जहां एक तरफ बिलकिस बानो केस के सभी दोषियों को झटका लगा है वहीं गुजरात सरकार की भी फजीहत हुई है।
अभी तक आरोपियों से संपर्क नहीं- SP
सुप्राम कोर्ट ने 8 जनवरी को गुजरात सरकार का फैसला रद्द कर दिया। जिसके बाद गुजरात पुलिस 11 दोषियों की धर पकड़ में जुट गई है। लेकिन इस बीच गुजरात पुलिस का दावा है कि अभी तक आरोपियों से संपर्क नहीं हुआ है। दाहोद के एसपी बलराम मीणा (Dahod SP Balram Meena) ने कहा है कि पुलिस के पास दोषियों के सरेंडर करने की जानकारी नहीं है। साथ ही उन्हें अभी तक सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी भी नहीं मिली है। बलराम मीणा ने बताया कि बिलकिस बानो केस के सभी दोषी गुजरात के सिंगवाड के रहने वाले हैं। उनमें से कुछ अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए यहां आते रहते हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद रणधीकपुर में शांति बनाए रखने के लिए इलाके में भारी पुलिस तैनात की गई हैं।
दोषियों को कैसे माफ कर सकती है गुजरात सरकार- SC
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी 2024 को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस गैंगरेप के 11 दोषियों को समय से पहले रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि गुजरात सरकार दोषियों को कैसे माफ कर सकती है। सुनवाई महाराष्ट्र में हुई है तो रिहाई पर फैसला भी वहीं की सरकार करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को 2 हफ्ते में सरेंडर करने को कहा है।
ये भी पढ़ें-Bilkis Bano SC Verdict: SC ने गुजरात सरकार का फैसला पलटा, दोषी फिर जाएंगे जेल, सजा में मिली छूट रद्द
दो जजों की बेंच ने रद्द किया गुजरात सरकार का फैसला
जस्टिस बीवी नागरत्ना (Justice Biwi Nagarathna) और जस्टिस उज्जल भुइयां (Justice Ujjal Bhuiyan) की बेंच ने केस पर सुनवाई की। कोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाते वक्त कहा कि, सजा अपराध रोकने के लिए दी जाती है। पीड़ित की तकलीफ की भी चिंता करनी होगी। कोर्ट ने कहा कि गुजरात सरकार को दोषियों की रिहाई का फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है। उसने अपनी सत्ता और ताकत का गलत इस्तेमाल किया है। इस कमेंट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 में जस्टिस अजय रस्तोगी (रिटायर्ड) (Justice Ajay Rastogi (Retd) के उस फैसले को भी रद्द कर दिया, जिसमें 11 दोषियों को गुजरात सरकार से शीघ्र माफी के लिए अपील करने की अनुमति दी गई थी। गुजरात सरकार ने बिलकीस बानो केस के दोषियों को 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया था।
बिलकिस बानो ने नवंबर 2022 में दाखिल की दो याचिकाएं
गुजरात सरकार के फैसले के खिलाफ बिलकिस बानो ने 30 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई थीं। पहली याचिका में सभी 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की गई थी। वहीं दूसरी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के मई 2022 में दिए आदेश पर विचार करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी। बिलकिस ने कहा कि जब केस का ट्रायल महाराष्ट्र में हुआ था, फिर गुजरात सरकार फैसला कैसे ले सकती है?