Amarnaath Yatra 2024: अमरनाथ यात्रा आज से शुरू, पहले जत्थे में रवाना हुए 4,603 यात्री
पवित्र अमरनाथ यात्रा आज यानी 29 जून से शुरू हो गई हैं। कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन आज से शुरू हो गए हैं। भारी सुरक्षा के बीच बालटाल और पहलगाम कैंप से सुबह-सुबह तीर्थयात्रियों का पहला जत्था अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुआ।
Amarnaath Yatra 2024: पवित्र अमरनाथ (Holy Amarnath yatra) यात्रा आज यानी 29 जून से शुरू हो गई हैं। कश्मीर के अनंतनाग (Anantnag of Kashmir) में अमरनाथ की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी (Baba Barfani) के दर्शन आज से शुरू हो गए हैं। भारी सुरक्षा के बीच बालटाल और पहलगाम कैंप (Baltal and Pahalgam Camp) से सुबह-सुबह तीर्थयात्रियों का पहला जत्था अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) के लिए रवाना हुआ। शिवलिंग दर्शन के लिए रवाना हुए पहले जत्थे में कुल 4,603 यात्री चढ़ाई करेंगे। वहीं अब तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था भी जम्मू कश्मीर से रवाना हो गया है।
भारी सुरक्षा के साथ रवाना हुआ पहला जत्था
जानकारी के मुताबिक, 4,029 यात्रियों का दूसरा जत्था 200 वाहनों के दो सुरक्षा काफिलों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ। यात्रा में शामिल 1,850 यात्री सुबह 4 बजे 104 वाहनों में बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए, जबकि 2,179 यात्री 96 वाहनों में सवार होकर सुबह 4.30 बजे पहलगाम के नुनवान बेस कैंप के लिए रवाना हुए।
यात्रा के लिए 3.50 लाख से ज्यादा लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन
बता दें कि आज से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा 52 दिन तक चलेगी और यह 19 अगस्त को समाप्त होगी। जानकारी के मुताबिक, इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए 3.50 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं 26 जून से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो चुके है। जानकारी के मुताबिक, यात्री या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम रूट (Pahalgam Route) से या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल रूट से यात्रा करते हैं। पहलगाम मार्ग से जाने वालों को मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग से जाने वाले लोग दर्शन के बाद उसी दिन वापस लौट आते हैं।
तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध
यह मंदिर समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसमें बर्फ से बना एक शिवलिंग है। भक्तों का मानना है कि यह शिवलिंग भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है। वहीं, इस साल यात्रा को सुचारू और किसी भी दुर्घटना से बचाने के लिए दोनों आधार शिविरों और गुफा मंदिर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। दोनों मार्गों के साथ-साथ पारगमन शिविरों और गुफा मंदिर में 124 से ज्यादा लंगर लगाए गए हैं। इस साल की यात्रा के दौरान 7,000 से ज्यादा सेवादार (स्वयंसेवक) तीर्थयात्रियों की सेवा कर रहे हैं। यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने 3 जुलाई से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। दोनों मार्गों पर तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।