Mahadev Betting App: सट्टेबाजी ऐप पर सरकार सख्त, महादेव के अलावा 22 और सट्टेबाजी ऐप को ब्लॉक करने का निर्देश

रविवार, 5 अक्टूबर को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। आईटी मंत्रालय ने 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप और वेबसाइटों को ब्लॅाक करने का निर्देश जारी किया है।

Mahadev Betting App: सट्टेबाजी ऐप पर सरकार सख्त, महादेव के अलावा 22 और सट्टेबाजी ऐप को ब्लॉक करने का निर्देश

Mahadev Betting App: रविवार, 5 अक्टूबर को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। आईटी मंत्रालय ने 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप और वेबसाइटों को ब्लॅाक करने का निर्देश जारी किया है। बता दें कि ये फैसला महादेव सट्टेबाजी ऐप के तथाकथित मामलों के सामने आने के बाद लिया गया है। 

सट्टेबाजी ऐप पर गिरेगी गाज

सरकार ने जिन 22 ऐप्स को ब्लॅाक करने का निर्देश दिया उसमें से एक नाम महादेव सट्टेबाजी ऐप का भी है। जानकारी के मुताबिक सरकार ने ये एक्शन महादेव ऐप के खिलाफ की गई जांच के बाद लिया है। 

ईडी ने आईटी मंत्रालय से लगाई गुहार

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि ईडी ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय से यह अनुरोध किया था कि इन सट्टेबाजी ऐप को बंद किया जाना चाहिए जिसके बाद मंत्रालय की ओर से सभी 22 ऐप्स को ब्लॉक करने का निर्देश जारी किए गए हैं। राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार के पास भी इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार था लेकिन उन्होंने जान बूझकर ऐसा नहीं किया। 

भूपेश बघेल का आया था नाम

बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने बीते दिनों ये खुलासा किया था कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में शामिल हैं। दरअसल ऐप से जुड़े एक लेन-देन करने वाले ने ये खुलासा किया था की महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटर्स ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए दिए थे। जिसके बाद से भूपेश बघेल और भाजपा पार्टी दोनों ही एक दूसरे पर हमलावर हैं। 

मालिक के खिलाफ दर्ज है मामला

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने बताया कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के आरोपित भीम सिंह यादव और भूपेश बघेल के नाम का खुलासा करने वाला असीम दास हिरासत में हैं। इन्हें मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है, जो धारा 3 के तहत और PMLA की धारा 4 के तहत दंडनीय है।