Adani-Hindenburg Case: अडाणी-हिंडनबर्ग केस में आया फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने SIT जांच से किया इंकार
आज 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुनवाई की है, जिसके बाद SC ने SEBI को जांच के लिए 3 महीने का और समय दिया है।
Adani-Hindenburg Case: आज 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Case) में सुनवाई की है, जिसके बाद SC ने SEBI को जांच के लिए 3 महीने का और समय दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने इस मामले को SEBI से लेकर SIT को देने से भी इंकार कर दिया है।
3 महीने का दिया समय
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), जस्टिस जे बी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की बेंच ने कहा कि सेबी (SEBI) ने 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है। और सॉलिसिटर जनरल के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए, हम SEBI को दो और मामलों में 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश देते हैं।
SEBI की जांच पर नहीं संदेह
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि OCCPR की रिपोर्ट को सेबी की जांच पर संदेह के तौर पर नहीं देखा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि जांच को सेबी से SIT को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है।
अडाणी ने फैसले को बताया सत्य की जीत
सुप्रीम कोर्ट के आए इस फैसले के बाद अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस फैसले को सत्य की जीत बताया। इसी के साथ अडाणी ने कहा कि मैं उन लोगों का आभारी हूं जो मेरे साथ खड़े रहे।
The Hon'ble Supreme Court's judgement shows that:
Truth has prevailed.
Satyameva Jayate.
I am grateful to those who stood by us.
Our humble contribution to India's growth story will continue.
Jai Hind. — Gautam Adani (@gautam_adani) January 3, 2024
24 नवंबर को हुई थी सुनवाई
बता दें कि पिछले साल 24 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई थी जिसके बाद SC ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान CJI चंद्रचूड़ ने कहा था- हमें अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को तथ्यात्मक रूप से सही मानने की जरूरत नहीं है। हिंडनबर्ग यहां मौजूद नहीं है, हमने SEBI से जांच करने को कहा है।
शेयर मैनिपुलेशन का आरोप
दरअसल 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे। केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी।और साथ ही मार्केट रेगुलेटर SEBI को भी जांच करने के आदेश दिए थे।