Aag In Gaziabad:गाजियाबाद में सर्जिकल फैक्ट्री में लगी भीषण आग, 7 घंटों के बाद आग पर पाया काबू
गाजियाबाद के मोदी नगर में एक सर्जिकल फैक्ट्री में गुरुवार देर रात 2 बजे भीषण आग लग गई। घटना की सूचना मिलने पर आग बुझाने के लिए गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ से 25 से अधिक दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची।
Aag In Ghaziabad: गाजियाबाद के मोदी नगर में एक सर्जिकल फैक्ट्री में गुरुवार देर रात 2 बजे भीषण आग लग गई। घटना की सूचना मिलने पर आग बुझाने के लिए गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ से 25 से अधिक दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची। बताया जा रहा है कि आग की लपटें इतनी तेज थी कि धुएं को 3 किलोमीटर दूर से देखा जा सकता है। करीब 7 घंटों के बाद आग पर काबू पा लिया गया। फैक्ट्री के आसपास बने 7 मकानों में दरार आ गई है।
शॉर्ट सर्किट के वजह से लगी आग
आदर्श नगर कॉलोनी निवासी विकास कुमार की निवाड़ी रोड स्थित ऊंची सड़क पर सर्जिकल का सामान बनाने की फैक्ट्री है। जो करीब 30-35 साल पुरानी है। इसके मालिक मोदीनगर निवासी विकास हैं। इस फैक्ट्री में खासतौर पर गर्म पट्टी बनती है। फैक्ट्री में करीब 30-40 कर्मचारी काम करते हैं। रात के समय फैक्ट्री में काम बंद रहता है, इसलिए कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था। यहां तक कि सिक्योरिटी गार्ड भी नहीं था। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। आग लगने से करोड़ों रुपए का सामान जलकर राख हो गया।
फैक्ट्री के आसपास करीब 130 से 150 घर मौजूद
जब रात दो बजे आग फैलनी शुरू हुई तो पड़ोस में रहने वाले लोगों ने फैक्ट्री मालिक विकास को फोन करके सूचना दी। इसके बाद बचाव-राहत कार्य शुरू हुआ। फैक्ट्री के आसपास करीब 130 से 150 घर मौजूद हैं। करीब 7 घरों में मामूली रूप से दरार आई है। सूचना पर दमकल विभाग के एफएसओ अमित चौधरी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
सात घंटे बाद पाया आग पर काबू
चीफ फायर ऑफिसर राहुल पाल के मुताबिक, रात 2 बजे के आसपास आग लगी थी। आग को बुझाने के लिए गाजियाबाद, बागपत, नोएडा आदि जिलों से दमकल गाड़ियां बुलाई गईं। करीब 100 से ज्यादा राउंड लगाकर इन दमकल गाड़ियों ने आग पर पानी की बौछार की। सुबह करीब 9 बजे के आसपास आग बुझा दी गई है, हालांकि अभी कूलिंग का काम जारी है, ताकि आग दोबारा न भड़कने पाए। इस अग्निकांड में बिल्डिंग के पीछे का कुछ पार्ट डैमेज हुआ है।
पहले भी फैक्ट्री में लग चुकी है आग
इसे पहले साल 2015 में भी इस फैक्ट्री में आग लगी थी। उस वक्त इस फैक्ट्री पर सील लगाई गई और दो साल तक ये बंद रही थी। फैक्ट्री में भीषण अग्निकांड की वजह से उस वक्त भी आसपास के कई परिवार डर के मारे महीनों तक अपने घरों में लौटकर नहीं आए थे।