Priyank Kharge Statement: प्रियांक खड़गे ने कर्नाटक बीजेपी नेताओं पर साधा निशाना, कहा संविधान में विश्वास नहीं तो पाक चले जाएं
कर्नाटक के आरडीपीआर, आईटी और बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने सोमवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि अगर उन्हें राष्ट्रीय ध्वज, भारतीय संविधान और देश की अखंडता पसंद नहीं है, तो उनके नेता 'अपनी पसंद के गंतव्य पाकिस्तानपास जा सकते हैं।'
Priyank Kharge Statement: कर्नाटक के आरडीपीआर, सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खड़गे ने सोमवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि अगर उन्हें राष्ट्रीय ध्वज, भारतीय संविधान और देश की अखंडता पसंद नहीं है तो 'अपनी पसंद के गंतव्य पाकिस्तान जा सकते हैं।' उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा की,“हम भाजपा की साजिशों और रणनीतियों से नहीं झुकेंगे। हम इससे प्रभावी ढंग से निपटेंगे।''
"RSS और भाजपा राष्ट्रीय ध्वज से नफरत कर रही"
मंत्री (Priyank Kharge) कर्नाटक के मांड्या जिले के केरागोडु गांव में सरकारी (Karnataka Government) जमीन पर 108 फीट ऊंचे ध्वजस्तंभ पर भगवान हनुमान की तस्वीर वाला भगवा झंडा फहराने और उतारने के मुद्दे पर बोल रहे थे। यह मुद्दा कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा (BJP) के बीच नवीनतम विवाद बन गया है। खड़गे ने आगे कहा, “आरएसएस की तरह, आरएसएस (RSS) द्वारा प्रशिक्षित भाजपा भी राष्ट्रीय ध्वज से नफरत कर रही है। भाजपा तिरंगे का सम्मान करने के बजाय उससे नफरत कर रही है। सरकार ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर ध्वजस्तंभ के उद्देश्य को पूरा किया है।”
'राष्ट्रीय ध्वज के प्रति नफरत दिखा रही है भाजपा'- प्रियांक खड़गे
खड़गे (Minister of Information Technology and Biotechnology) ने कहा, राष्ट्रीय ध्वज के प्रति नफरत दिखाकर भाजपा ने खुद को राष्ट्र-विरोधी प्रमाणित कर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा और संघ परिवार, जिसने तटीय क्षेत्र को अपनी हिंदुत्व प्रयोगशाला बनाया था, अब मांड्या जिले में सक्रिय हो गए हैं और यहां अपना हिंदुत्व प्रयोग शुरू कर दिया है। खड़गे ने कहा,“ऐसा लगता है कि अगर समाज शांतिपूर्ण होगा तो भाजपा को शांति नहीं मिलेगी। भाजपा नेता राजनीतिक लाभ के लिए मांड्या जिले में आग भड़काने के निम्न स्तर पर उतर आए हैं। नेता प्रतिपक्ष का पद एक गरिमामय पद है, लेकिन उनके कार्यों से उनके पद का सम्मान नहीं होगा।''
राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति लेकर धार्मिक झंडा फहराया
“यहां नेता प्रतिपक्ष (Karnataka Opposition Leader) अशोक और प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र के संदर्भ के लिए कुछ तथ्य दिए गए हैं। झंडा फहराने वाले गौरीशंकर सेवा ट्रस्ट (Gaurishankar Seva Trust karnataka) ने ध्वजस्तंभ लगाने की अनुमति मांगते हुए 29 दिसंबर, 2023 को लिखित में दिया था कि वे केवल राष्ट्रीय और राज्य ध्वज फहराएंगे। प्रियांक खड़गे ने बताया, "उन्होंने 17 जनवरी को लिखित में एक और आवेदन दिया था कि वे केवल राष्ट्रीय ध्वज और क्षेत्रीय ध्वज फहराएंगे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वे धार्मिक या राजनीतिक झंडे नहीं फहराएंगे।"
नियमों में बदलाव का पालन करना चाहिए
"18 जनवरी को केरेगोडु ग्राम पंचायत के अधिकारियों ने शर्तों के साथ 18 जनवरी को केवल राष्ट्रीय ध्वज और राज्य ध्वज फहराने के लिए सहमति दी थी। उन्हें स्पष्ट रूप से सूचित किया गया है कि उन्हें अधिकारियों द्वारा किए गए नियमों में बदलाव का पालन करना चाहिए। खड़गे ने कहा,"तिरंगे की जगह भगवा झंडा फहराने की साजिश किसने रची? अधिकारियों द्वारा शर्तों का उल्लंघन करने के लिए लोगों को किसने उकसाया? भाजपा कब से शांति भंग करने की साजिश रच रही है? भाजपा कानून, नियमों और व्यवस्था को कूड़ेदान के रूप में क्यों देख रही है?"
पुलिस सुरक्षा में उतारा गया धार्मिक झंडा
19 जनवरी को भगवा झंडा फहराया गया था, जिसे 26 जनवरी तक अधिकारियों ने नजरअंदाज कर दिया था। गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर अधिकारियों ने तिरंगा फहराया था और शाम होने पर उसे उतार दिया था। अगले दिन हनुमान की तस्वीर वाला भगवा झंडा फिर फहराया गया। रविवार को अधिकारियों ने पुलिस सुरक्षा में इस झंडे को उतार दिया, इससे अधिकारियों और लोगों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई। घटनाक्रम के बाद, अधिकारियों ने क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया और पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी। क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण है और कर्नाटक भाजपा ने हिंदू धार्मिक ध्वज को गिराने के सरकार के कृत्य की निंदा करते हुए राज्यव्यापी विरोध का आह्वान किया था।