Mahua Moitra Defamation Case: मानहानि मामले में आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट को लेकर महुआ मोइत्रा के वकील केस से हुए अलग

Mahua Moitra Defamation Case: तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के द्वारा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ दर्ज किए गए मानहानि मामले में आज 18 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

Mahua Moitra Defamation Case: मानहानि मामले में आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट को लेकर महुआ मोइत्रा के वकील केस से हुए अलग

Mahua Moitra Defamation Case: तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के द्वारा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ दर्ज किए गए मानहानि मामले में आज 20 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान वकील जय अनंत देहाद्राई ने आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा के वकील गोपाल शंकर नारायण ने उनसे संपर्क कर मोइत्रा के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत वापस लेने को कहा जिसकी उनके पास रिकार्डिंग भी है।

आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट का लगा आरोप

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने कहा कि कुत्ते की वापसी के बदले में मुझसे सीबीआई की शिकायत वापस लेने को कहा गया है। देहाद्राई ने इसको लेकर एक ट्वीट करके महुआ मोइत्रा पर आरोप भी लगाया है। सवाल के लिए पैसे लेने के मामले में दायर हुए मानहानि केस में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के वकील अलग हो गए हैं। उन्होंने इस केस से हटने के पीछे 'हितों के टकराव' को कारण बताया है। 

मोइत्रा से वैचारिक मतभेद की वजह से हुए अलग

मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि वह इस बात से बेहद स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि शंकर नारायण ने मध्यस्थता करने की कोशिश की है तो क्या वह अब भी इस मामले में पेश होने के लिए योग्य हैं या नहीं। जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि इसका जवाब वकील शंकर नारायण को खुद देना होगा। इसके बाद शंकर नारायण ने खुद को मामले से यह कहकर अलग कर लिया कि इस मामले में उनके और महुआ मोइत्रा के बीच वैचारिक मतभेद हैं।

क्या है मानहानि मामला

दरअसल बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक उद्यमी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था, उन्होंने संसद में यह आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से अनुरोध किया था कि मोइत्रा के खिलाफ आरोपों के मामले में जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाए।
इसी को लेकर महुआ मोइत्रा ने 17 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट में निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील अनंत देहाद्राई पर मानहानि का मुकदमा दाखिल किया था।