Uttarakhand News: उत्तराखंड की सिल्क्यारा टनल से जल्द निकलेंगे 41 मजदूर, मेडिकल टीम तैयार

उत्तराखंड की सिल्क्यारा टनल (Silkyara Tunnel) में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने वक्त आ गया है। मैन्युअल हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग यानि हाथ से खुदाई का काम पूरा हो चुका है। इस बीच अच्छी खबर ये है कि कुछ ही देर में मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा।

Uttarakhand News: उत्तराखंड की सिल्क्यारा टनल से जल्द निकलेंगे 41 मजदूर, मेडिकल टीम तैयार

Uttarakhand News: उत्तराखंड की सिल्क्यारा टनल (Silkyara Tunnel) में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने वक्त आ गया है। मैन्युअल हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग यानि हाथ से खुदाई का काम पूरा हो चुका है। इस बीच अच्छी खबर ये है कि कुछ ही देर में मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। टनल के अंदर एम्बुलेंस के अलावा स्ट्रेचर और गद्दे तैयार हैं। यहां अस्पताल बना दिया गया है। रेस्क्यू के बाद मजदूरों को यही रखा जाएगा। 

सिल्क्यारा टनल से 30-35 KM दूर चिन्यालीसौड़ में 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है। अगर किसी मजदूर की हालत खराब हुई, तो उन्हें फौरन एयरलिफ्ट कर AIIMS ऋषिकेश भेजा जाएगा। चिन्यालीसौड हवाई अड्डे पर चिनूक हेलिकॉप्टर तैनात किया गया है। यदि किसी मजदूर की तबीयत बिगड़ी, तो उसको हेलिकॉप्टर से तुरंत ऋषिकेश AIIMS भेज दिया जाएगा।

रैट माइनर्स ने की लगातार 21 घंटे खुदाई 

टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए सोमवार शाम से शुरू हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग में रैट माइनर्स (Rat Miners) को बड़ी कामयाबी मिल गई है। रैट माइनर्स ने खुदाई पूरी कर ली है और पाइप डालने का काम भी पूरा हो चुका है। अब थोड़ी ही देर में मजदूरों को एक-एक करके बाहर निकाला जाएगा। 

रैट माइनर्स के पास सुरक्षा के सारे इंतजाम

आपको बता दें कि रैट माइनर्स खुदाई करने के लिए बारी-बारी से पाइप के अंदर जाते हैं, फिर हाथ के सहारे छोटे फावड़े से खुदाई करते हैं... फिर छोटी ट्राली से करीब 7 से 8 किलो मलबा एक बार में बाहर लेकर आते हैं। इस दौरान पाइप के अंदर इनके पास ऑक्सीजन मास्क, आंखों की सेफ्टी के लिए खास चश्मा और हवा के लिए एक ब्लोअर भी मौजूद रहता है, ताकि अंदर किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो। 

रेस्क्यू ऑपरेशन पर ओले और बारिश का खतरा

वहीं इस बीच 41 मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन पर बदलता मौसम भी बड़ी मुसीबत बन सकता है... मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले 24 घंटे के दौरान ओले और बारिश होने की आशंका जताई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम में बदलाव से रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानियां आ सकती हैं।