UP News: प्रदेश के तदर्थ शिक्षक कैबिनेट प्रस्ताव का करेंगे बहिष्कार

प्रदेश सरकार द्वारा तदर्थ शिक्षकों के संदर्भ में लिए गए निर्णय पर प्रदेश के सभी तदर्थ शिक्षक अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे हैं।उनका कहना है कि जिस विद्यालय में 25 से 30 वर्षों तक संपूर्ण वेतन में सेवा दिए हो उसी विद्यालय में चपरासी से नीचे काम नहीं कर सकते है।

UP News: प्रदेश के तदर्थ शिक्षक कैबिनेट प्रस्ताव का करेंगे बहिष्कार

UP News: प्रदेश सरकार द्वारा तदर्थ शिक्षकों (ad hoc teachers) के संदर्भ में लिए गए निर्णय पर प्रदेश के सभी तदर्थ शिक्षक अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे हैं।उनका कहना है कि जिस विद्यालय में 25 से 30 वर्षों तक संपूर्ण वेतन में सेवा दिए हो उसी विद्यालय में चपरासी से नीचे काम नहीं कर सकते है। 

अयोध्या के संयुक्त शिक्षक निर्देशक अरविंद पांडे हुए निलंबित

जिन अधिकारियों के कहने पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के समस्त तदर्थ शिक्षकों सेवाएं समाप्त कर दी है। उन सभी  अधिकारियों ने मुख्यमंत्री  को कलंकित करने का कार्य किया है क्योंकि जिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के समस्त तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की हैं उसी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पश्चात भी प्रदेश में व्यापम फर्जी विनियतीकरण अधिकारी द्वारा किए गए हैं। जांच के उपरांत विनियतीकरण में अयोध्या के संयुक्त शिक्षक निर्देशक अरविंद पांडे निलंबित हो गए। इस व्यापम फर्जी विनियमितीकरण की जांच में प्रदेश के 9 संयुक्त शिक्षा निदेशक और 30 जिला विद्यालय निरीक्षक व्यापम भ्रष्टाचार संलिप्त हैं।

प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने कही ये बात

तदर्थ शिक्षकों के विनियतीकरण निरस्त किए जाने के पश्चात भी अधतन उनका वेतन भुगतान किया जा रहा है जिसमें अधिकांश तदर्थ शिक्षक सुप्रीम कोर्ट संजय सिंह केस में यांची भी थे इस व्यापम भ्रष्टाचार को उच्च अधिकारियों द्वारा दबा दिया गया क्योंकि यह सभी व्यापम भ्रष्टाचार पूर्व शिक्षामंत्री  के कार्यकाल में हुआ था। प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह का कहना है कि सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय से प्रदेश के सभी तदर्थ शिक्षक का अधिकारियों एवं प्रबंधकों द्वारा शोषण करने की खुली छूट दी गई है जब  शिक्षकों का भविष्य स्वयं अंधकार में है तो वह विद्यार्थियों का भविष्य कैसे बनाएगा सरकार को इस पर पुन: विचार अथवा संशोधन करना चाहिए।

"90% शिक्षक स्वर्ण इसलिए बीजेपी सुनवाई नहीं कर रही"- राजमणि सिंह

वहीं प्रदेश महामंत्री सुशील शुक्ला का कहना है प्रदेश के समस्त तदर्थ शिक्षकों से आवाहन करता हूं कि इस प्रस्ताव को स्वीकार करने का अर्थ है कि आप उस विद्यालय में बंधुआ मजदूर की भांति कार्य न करें प्रदेश के सभी तदर्थ शिक्षक इस प्रस्ताव का बहिष्कार करें। प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल सिंह राणा का कहना है कि शिक्षा निदेशालय में माननीय मुख्यमंत्री जी की फोटो रखकर 53 दिनो तक याचना पूजा आरती करने के पश्चात 25 से 30000 रुपए मानदेय देकर हमें अपमानित किया है जो हमें स्वीकार नहीं। प्रदेश संयोजक राजमणि सिंह का कहना है हम सभी तदर्थ शिक्षक सवर्ण हैं इसीलिए हम लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है क्योंकि 90 प्रतिशत तदर्थ शिक्षक क्षत्रिय और ब्राह्मण है इसलिए भारतीय जनता पार्टी में हम लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है यदि हम ओबीसी एससी एसटी होते यह सरकार सभी तदर्थ शिक्षकों को स्थाई कर दी होती।