Abdulla Azam: आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आज आएगा फैसला
पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आज कोर्ट सुनाएगी अपना फैसला। इस मामले में 11 अक्टूबर को ही पूरी हो गई थी दोनों पक्षों की सुनवाई
Abdulla Azam: पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आज कोर्ट सुनाएगी अपना फैसला। इस मामले में 11 अक्टूबर को ही पूरी हो गई थी दोनों पक्षों की सुनवाई, जिसके बाद आज 18 अक्टूबर को रामपुर की स्पेशल MP-MLA कोर्ट, इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी।
कौन है अब्दुल्ला आजम
अब्दुल्ला आजम (Abdulla Azam) सपा के वरिष्ण नेता आजम खान के बेटे हैं, जो कि दो बार उत्तर प्रदेश की स्वार विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं।
क्या है मामला
बता दें कि साल 2019 में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना (BJP MLA Akash Saxena) ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में आजम खान (SP leader Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र होने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में सपा नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम आरोपी बनाए गए थे। इससे पहले 16 अक्टूबर को बहस पूरी करने के लिए बचाव पक्ष को समय दिया गया था, लेकिन बचाव पक्ष ने कोर्ट से और मोहलत दिए जाने की अपील की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था और 18 अक्टूबर को फैसला सुनाने की तारीख तय की थी।
क्या हैं आरोप?
अब्दुल्ला आजम पर आरोप है कि उनके पास दो जन्म प्रमाण पत्र हैं, जिन दोनों का इस्तेमाल वह समय-समय पर अपनी सुविधा के अनुसार किया करते हैं। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद आज अदालत अपना फैसला सुनाएगी।
कब शुरु हुआ मामला
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने साल 2017 में रामपुर की 'स्वार' विधानसभा सीट (Swar assembly seat of Rampur) से चुनाव लड़ा था, तब उनके खिलाफ खड़े नवाब काज़िम अली खान ने उनकी कम उम्र की शिकायत की थी, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अब्दुल्ला आजम का चुनाव रद्द कर दिया था। अब्दुल्ला आजम पर आरोप है कि उनके पास दो जन्म प्रमाण पत्र हैं, जिनमें से एक जन्म प्रमाण पत्र रामपुर का है, जो रामपुर नगर पालिका से बना है और दूसरा लखनऊ नगर पालिका से बनवाया गया है।
दो बार जा चुकी है सदस्यता
2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते वक्त अब्दुल्ला आजम की उम्र 25 साल से कम थी, जबकि विधायक का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 25 साल की उम्र होना अनिवार्य है। हाईकोर्ट ने इस आरोप को सही मानते हुए 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्ला आजम के निर्वाचन को रद्द कर दिया था, जिसके बाद अब्दुल्ला आजम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की थी, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के आदेश को बहाल रखा था।
2019 में अब्दुल्ला आजम फिर स्वार सीट से विधायक बने, इस बार उन्होंने हमजा मियां को हराया था, हमजा बीजेपी-अपना दल के कैंडिडेट और पूर्व मंत्री काजिम अली के बेटे हैं। अब्दुल्ला आजम के खिलाफ साल 2008 में मुरादाबाद के छजलैट में सड़क जाम कर सरकारी कार्य मे बाधा डालने का आरोप लगा था। मुरादाबाद के छजलैट थाने में दर्ज हुए इस केस में आजम खान और अब्दुल्लाह खान सहित 9 सपा नेता आरोपी थे। साल 2023 में इस केस में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला खान को दोषी करार दिया था जिसके बाद विधानसभा सचिवालय से 15 फरवरी 2023 को दूसरी बार अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द कर दी गई थी।