UP Ad-hoc Teachers Protest 2024:तदर्थ शिक्षकों का प्रदर्शन जारी,संगठन मंत्री ने कहा-  प्रदेश के एक भी तदर्थ शिक्षक मानदेय की नियुक्ति नहीं लेंगे

राजधानी लखनऊ में बीते गुरुवार 25 जुलाई को अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों (Non-Government Aided Secondary Schools) में 25 से 30 वर्षों से नौकरी कर रहे तदर्थ शिक्षकों (Protest by adhoc teachers) ने मानदेय व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन किया। आज भी तदर्थ शिक्षकों का प्रदर्शन जारी है।

UP Ad-hoc Teachers Protest 2024:तदर्थ शिक्षकों का प्रदर्शन जारी,संगठन मंत्री ने कहा-  प्रदेश के एक भी तदर्थ शिक्षक मानदेय की नियुक्ति नहीं लेंगे

UP Ad hoc Teachers Protest 2024:राजधानी लखनऊ में बीते गुरुवार 25 जुलाई को अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों (Non-Government Aided Secondary Schools) में 25 से 30 वर्षों से नौकरी कर रहे तदर्थ शिक्षकों (Protest by adhoc teachers) ने मानदेय व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन किया। आज भी तदर्थ शिक्षकों का प्रदर्शन जारी है। तदर्थ शिक्षकों का कहना है कि इतिहास के पन्नों में यह पहली बार हो रहा है कि पूरी तरह से योग्य और 25 से 30 वर्षों तक कार्यरत संपूर्ण उपलब्धियां को प्राप्त करने वाले तदर्थ शिक्षको की सेवाएं समाप्त करके उन्हें मानदेय दिया जा रहा है जबकि पूर्ववर्ती सरकारों ने संविदा कर्मियों को नियमित करते हुए संपूर्ण उपलब्धियां को देने का कार्य किया है। 

2254 तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं की गई समाप्त

वहीं प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह (State President Ravindra Singh) का कहना है कि प्रदेश सरकार ने एक ही झटके में 2254 तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दिया गया लेकिन अधिकारियों ने यह बात मुख्यमंत्री जी को क्यों नहीं बताई कि विद्यालय में 17 हजार पद पहले से ही रिक्त हैं और यदि 2254 तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी है तो अभी मार्च में लगभग 6 हजार अध्यापक सेवानिवृत हो गए तो विद्यालय कैसे चल रहा है? जिस विषय के अध्यापकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है उस विषय को विद्यालय में कौन पढ़ा रहा है? इसका जवाब शासन में बैठे अधिकारियों और सरकार के पास नहीं है।

कोई भी तदर्थ शिक्षक मानदेय की नियुक्ति नही लेगा - प्रदेश संगठन मंत्री

साथ ही प्रदेश संगठन मंत्री प्रभात त्रिपाठी (State Organization Minister Prabhat Tripathi) का कहना है प्रदेश के समस्त तदर्थ शिक्षक जिनकी सेवाएं शासनादेश से समाप्त हुई हैं व उन सभी तदर्थ शिक्षकों से अपील है कि यदि एक भी तदर्थ शिक्षक मानदेय की नियुक्ति नही लेगा जब तक सरकार हमें हमारे पदों के सापेक्ष आमेलित अथवा समायोजित नहीं करती है तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। एक भी तदर्थ शिक्षक अपने धैर्य को खोने नहीं देगा। उन्होंने आगे कहा कि 8 जुलाई 2024 के शासनादेश में सरकार स्वयं स्वीकार कर रही है कि  विद्यालयों पढ़ाने के लिए अध्यापक नहीं है और ना ही एक वर्ष तक वह अध्यापक भेज पाएगी इसीलिए हम सभी तदर्थ शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति मानदेय पर देकर पढ़वाना चाह रही है जो कि हमें बिलकुल स्वीकार नहीं है। 

सभी तदर्थ शिक्षकों का बीजेपी से मोह हुआ भंग- प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल सिंह

वहीं प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल सिंह राणा (State Vice President Anil Singh Rana) कहना है कि प्रदेश के सभी तदर्थ शिक्षकों का बीजेपी से मोह भंग हो चुका है। यदि सरकार बहुत ही जल्दी हम लोगों के बारे में कोई निर्णय नहीं लेती है तो प्रदेश के 2254 तदर्थ शिक्षक बहुत ही जल्द समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अथवा कांग्रेस (Congress) की सदस्यता को लेते हुए 2027 में इंडिया गठबंधन की सरकार बनाएंगे।इसी क्रम में आज शिक्षा निदेशालय से पैदल मार्च करते हुए  तदर्थ शिक्षको ने अपनी भाजपा के प्रारंभिक सदस्यता से इस्तीफा देने के लिए भाजपा कार्यालय की ओर जैसे ही बढ़े लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें वहीं रोक लिया और आगे बढ़ने नहीं दिया गया। वहीं आगे न बढ़ने की स्थिति में तदर्थ शिक्षकों ने भारतीय जनता पार्टी की टोपी अपना गमछा उतार कर विरोध व्यक्त करने पुलिस प्रशासन तदर्थ शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को भाजपा कार्यालय लेकर गए। जिसके बाद कार्यालय प्रभारी को ज्ञापन दिया और उन्होंने आश्वासन दिया की बहुत ही जल्द प्रदेशाध्यक्ष से मुलाकात कराकर माननीय मुख्यमंत्री जी से आपकी बात कराई जाएगी। 

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