Swami Avimukteshwarananda Saraswati: मातोश्री पहुंचे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, बोले उद्धव ठाकरे के साथ हुआ विश्वासघात
सोमवार को उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के आग्रह पर 'मातोश्री' पहुंच कर उनसे मुलाकात की। इस दौरान उद्धव ठाकरे और उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे ने अपने घर में पूजा कराई और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का आशीर्वाद लिया।
Swami Avimukteshwarananda Saraswati : सोमवार को उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख (Shiv Sena (UBT) chief) उद्धव ठाकरे के आग्रह पर 'मातोश्री' पहुंच कर उनसे मुलाकात की। इस दौरान उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे ने अपने घर में पूजा कराई और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का आशीर्वाद लिया। मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है। हमें उनके साथ हुए विश्वासघात पर दुख है। कई लोग इससे दुखी हैं। मैंने आज उनके अनुरोध पर उनसे मुलाकात की। मैंने उनसे कहा कि जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री (Maharashtra CM) नहीं बन जाते, लोगों का दर्द कम नहीं होगा।
उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati) ने कहा, "उद्धव ने कहा कि वह हमारे आशीर्वाद के बाद जो भी करना होगा, करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वासघात सबसे बड़ा पाप है। जो विश्वासघात करता है, वह हिंदू नहीं हो सकता। जो विश्वासघात को सहन करता है, वह हिंदू है। जिन लोगों ने विश्वासघात किया है, वो कैसे हिंदू हो सकते हैं। जब तक आप पुन: महाराष्ट्र (Maharashtra Government) के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान नहीं हो जाते, तब तक हम लोगों के मन की पीड़ा दूर नहीं होगी।"
'विश्वासघात' को सबसे बड़ा पाप है
उन्होंने कहा, ''हम हिंदू धर्म का पालन करते हैं। हम 'पुण्य' और 'पाप' में विश्वास करते हैं। 'विश्वासघात' को सबसे बड़े पापों में से एक कहा जाता है, वही उद्धव ठाकरे के साथ हुआ है। उन्होंने मुझे बुलाया, मैं आया। उन्होंने स्वागत किया। हमने कहा कि हमें उनके साथ हुए विश्वासघात पर दुख है।''
महाराष्ट्र की जनता 'विश्वासघात' से पीड़ित
उन्होंने कहा, '' महाराष्ट्र की जनता इस बात से पीड़ित है। सभी के मन में इस बात का दर्द है। चुनाव में इस बात का पता भी चल चुका है। जब तक उद्धव ठाकरे फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान नहीं हो जाते हैं, तब तक हमलोगों के मन का जो दर्द है वो दूर नहीं हो सकता है। अब तो ये बात प्रमाणित हो चुकी है कि महाराष्ट्र की जनता इस बात को मानती है कि उद्धव ठाकरे जी के साथ विश्वासघात हुआ है।''
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर नहीं बनाया जा सकता
दिल्ली के बुराड़ी स्थित हिरनकी में 'श्री केदारनाथ धाम' (Shri Kedarnath Dham) के नाम से मंदिर स्थापित किए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple in Delhi) नहीं बनाया जा सकता। बारह ज्योतिर्लिंगों का स्थान तय किया गया है। क्यों जनता को भ्रम में डालना चाहते हो। भगवान के हजार नाम हैं, किसी भी नाम से स्थापना करके पूजा करिए, लेकिन केदारनाथ धाम दिल्ली (Delhi government) में बनेगा, ये नहीं होने देंगे। केदारनाथ में 228 किलो सोना गायब कर दिया गया, इसकी किसी को चिंता नहीं है। इसकी जांच क्यों नहीं होती है।