Sengol controversy : सेंगोल को लेकर अखिलेश ने भाजपा सरकार को घेरा बोले- सेंगोल की जगह संविधान की प्रति लगाने में क्या दिक्कत है
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सांसद आरके. चौधरी द्वारा लोकसभा से सेंगोल हटाकर उसकी जगह संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित करने को लेकर लोकसभा स्पीकर को लिखे गए पत्र का समर्थन करते हुए कहा है कि आखिर सरकार को सेंगोल की जगह संविधान की प्रति लगाने में क्या दिक्कत है?
संसद में संविधान की प्रति लगाने की मांग
सपा सांसद आरके. चौधरी (SP MP RK. Chowdhary) ने संसद भवन (Parliament House) में मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें जब लोकसभा में राजदंड और राजतंत्र का प्रतीक सेंगोल (Sengol) नजर आया तो उन्होंने इसे हटाने के लिए तुरंत पत्र लिख दिया क्योंकि लोकतंत्र (Democracy In India) में इसका कोई स्थान नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पत्र लिखने से पहले उनकी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से कोई बात नहीं हुई थी, पत्र के चर्चा में आने के बाद आज उनकी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात हुई है। उन्होंने कहा कि वह अपनी मांग को लेकर सहयोगी दलों से भी बात करेंगे।
अखिलेश यादव ने सरकार की योजनाओं पर खड़े किए सवाल
इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा सुप्रीमो (National President of Samajwadi Party) अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार का भाषण था और सरकार जब यह दावा करती है कि हम दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गए हैं और तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बन जाएंगे तो फिर देश का किसान क्यों दुखी है? बड़े पैमाने पर नौजवान बेरोजगार क्यों हैं? अग्निवीर जैसी आधी-अधूरी योजना सरकार को क्यों लागू करनी पड़ रही है? देश में महंगाई क्यों है?
आपातकाल में जो जेल गए भाजपा ने उनके लिए किया
राष्ट्रपति के अभिभाषण में आपातकाल (Emergency in India) का जिक्र होने पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जहां तक आपातकाल का मसला है, यह सवाल भाजपा के लोगों से पूछना चाहिए कि आपातकाल में जो लोग जेल में गए थे, भाजपा ने उन लोगों के लिए क्या किया? उन्होंने दावा किया कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने आपातकाल के दौरान जेल में रहने वाले लोगों को मानदेय दिया और कई तरह की सुविधाएं भी दी।