Ramlala Pran Pratishtha Today Update: बाल कृष्ण की तरह होगी राम लला की सेवा, 5 वर्ष के बालक रुप में होंगे विराजमान

400 फीट लंबे और 300 फीट चौड़े गर्भगृह में अद्भुत नक्काशी की गई है जिसकी एक झलक ही मन मोहने के लिए काफी है। बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट ने गर्भ गृह की एक तस्वीर साझा की है जिसमें मंदिर की चौखट पर पहुंचते ही भक्तों को सबसे पहले गज दर्शन होंगे।

Ramlala Pran Pratishtha Today Update: बाल कृष्ण की तरह होगी राम लला की सेवा, 5 वर्ष के बालक रुप में होंगे विराजमान

Ramlala Pran Pratishtha Today Update: बाल कृष्ण की तरह होगी राम लला की सेवा, 5 वर्ष के बालक रुप (Ramlala puja vidhi) में होंगे विराजमान अयोध्या (Ayodhya) में 22 जनवरी को होने जा रही रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) के अगले 48 दिन तक भगवान श्रीराम की बाल रूप (Child form of Lord Shri Ram) में सेवा की जाएगी। इस दौरान राम लला को 1 हजार कलश से स्नान कराया जाएगा। साथ ही केसर-कपूर और सुंगधित इत्रों से भगवान को सजाया जाएगा। ये 1 हजार जल भरे कलश देश के सभी तीर्थस्थलों से लाए जाएंगे। बता दें कि ये सारे कार्यक्रम कर्नाटक के उडुपी पेजावर मठ (Udupi Pejavar Monastery) के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी (Jagadguru Shankaracharya Swami ) की देख-रेख में किए जाएंगे।

5 वर्ष के बालक रुप में होंगे विराजमान

राम मंदिर में 5 वर्षीय बालक स्वरूप में रामलला को विराजित किया जाएगा। 5 वर्ष के बालक के रूप में रामलला की पूजा- अर्चना और सेवा की जाएगी। वहीं चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम लला की मूर्ति की फोटो ली जाएगी और उस फोटो को राम मंदिर के प्रसाद के साथ पूरे देश के 10 करोड़ राम भक्तों में वितरित किया जाएगा।

गर्भ-गृह है तैयार

400 फीट लंबे और 300 फीट चौड़े गर्भगृह में अद्भुत नक्काशी की गई है जिसकी एक झलक ही मन मोहने के लिए काफी है। बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट (Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra Trust) ने गर्भ गृह की एक तस्वीर साझा की है जिसमें मंदिर की चौखट पर पहुंचते ही भक्तों को सबसे पहले गज दर्शन होंगे। इसके बाद 32 सीढि़यां चढ़कर भक्त गर्भगृह तक पहुंचेगे। जहां पहुंचकर करीब 20 फीट की दूरी से भक्तों को रामलला के दर्शन प्राप्त होंगे। राममंदिर के दरवाजों का निर्माण वैष्णव परंपरा के तहत किए गए हैं। भूतल में कुल 14 दरवाजे लगाए गए हैं। गर्भगृह की फर्श पर संगमरमर के पत्थर बिछाने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है।

रामानंदी परंपरा से होगी प्राण प्रतिष्ठा 

रामानंदी परंपरा (Ramanandi Tradition) के तहत रामलला को पहले नगर भ्रमण कराया जाएगा, इसके बाद उन्हें सरयू के जल और दूध से स्नान कराया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला को राजभोग चढ़ाया जाएगा उसके बाद राजभोग आरती की जाएगी। दरअसल रामलला की दिनचर्या गोदान से शुरू होगी जिसके बाद उसके बाद पुजारी उन्हें स्नान कराएंगे। स्नान के बाद रामलला का विधि-विधान से श्रृंगार किया जाएगा। पूजन और पट खुलने के बाद रामलला लोगों को दर्शन देंगे फिर श्रृंगार आरती होगी। श्रृंगार आरती के बाद रामलला को बालभोग लगाया जाएगा। 

12 बजे ललाट पर पड़ेगी सूर्य की किरणें 

बता दें कि राम लला के सिंहासन की ऊंचाई को पृथ्वी के घूमने के आधार पर तय की जाएगी ताकि रामनवमी पर दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला के ललाट को स्पर्श कर गर्भगृह को रोशन करें। हालांकि गर्भगृह में सिंहासन को किस ऊंचाई पर रखा जाएगा, यह एक्सपर्ट तय करेंगे।

48 दिनों तक होगा मंडलोत्सव

जानकारी के अनुसार 23 जनवरी से 48 दिनों तक रामलला के दरबार में अनुष्ठान होगा। जिसको मंडलोत्सव का नाम दिया गया है। इस अनुष्ठान में एक किलो के चांदी के कलश से हर रोज भगवान का अभिषेक किया जाएगा। अनुष्ठान का यजमान बनने के लिए एप पर आवेदन भी किया जा सकता है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा कि जो यजमान बनने की शर्तें पूरी करेगा, उसे रामलला की सेवा का मौका प्रदान किया जाएगा।

राममंदिर का 400 किलो का ताला बनाने वाले सत्य प्रकाश का निधन

अयोध्या के श्रीराम मंदिर के लिए देश का सबसे बड़ा ताला बनाने वाले अलीगढ़ के कारीगर सत्य प्रकाश शर्मा का मंगलवार को निधन हो गया। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। वह श्रीराम मंदिर के लिए 400 किलो का 10 फिट लंबा और 4 फिट चौड़ा ताला बना रहे थे। मंदिर के उद्घाटन से पहले इसे मंदिर प्रबंधन को सौंपने वाले थे। सत्य प्रकाश कई महीने से अपनी पत्नी और परिवार के साथ ताले को अंतिम स्वरूप देने में जुटे थे। इसी महीने इसे अयोध्या के लिए रवाना करना था। लेकिन इससे पहले ही सत्यप्रकाश का निधन हो गया।