Priyanka Gandhi: प्रियंका गांधी ने सरकार से की सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को मुआवजा देने की मांग

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार से उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को मुआवजा देने की मांग की है। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट की है।

Priyanka Gandhi: प्रियंका गांधी ने सरकार से की सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को मुआवजा देने की मांग

Priyanka Gandhi: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार से उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को मुआवजा देने की मांग की है। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट की है। प्रियंका ने पोस्ट में लिखा, ‘12 दिनों से उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में 41 मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं। खबर है कि उन्हें बचाने के लिए चल रहा ऑपरेशन सफलता की ओर बढ़ रहा है और उम्मीद है कि सभी जल्द सुरक्षित बाहर आएंगे। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि सभी श्रमिक जल्द से जल्द बाहर आएं और अच्छे स्वास्थ्य के साथ अपने घर पहुंचें। पूरे देश की प्रार्थनाएं उनके साथ हैं।’

प्रियंका गांधी ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि, ‘मैं सरकार से इन श्रमिकों को उचित मुआवजा और सहायता प्रदान करने का आग्रह करती हूं, जो देश की सेवा के लिए दिन-रात अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

आखिरी पड़ाव पर है रेस्क्यू ऑपरेशन
प्रियंका गांधी की यह टिप्पणी उत्तराखंड में उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में 12 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान के दौरान आई है। बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में 41 जिंदगियों को बचाने की कोशिश अब आखिरी पड़ाव पर है। जानकारी के मुताबिक, अभी 18 मीटर की खुदाई बची है, अगले 13-14 घंटे में खुदाई पूरी होने की संभावना है। जिसके बाद सभी 41 मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा।

41 मजदूरों के लिए अस्पताल में एक वार्ड तैयार 

वहीं टनल के बाहर 41 मजदूरों के लिए 41 एंबुलेंस और 40 डाक्टरों की टीम तैनात की गई है। सभी को एंबुलेंस से चिल्यानीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा। यहां 41 बेड वाला एक वार्ड तैयार किया गया है। जानकारी के मुताबिक, टनल से चिल्यानीसौड़ पहुंचने में करीब 1 घंटा लगेगा, जिसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। अगर जरूरत पड़ी तो मजदूरों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स ले जाया जाएगा।