Supreme Court: कोलकाता रेप-हत्या केस में सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई, CJI ने सरकार-पुलिस को जमकर फटकार लगाई

सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने बंगाल सरकार और कोलकाता पुल‍िस को जमकर फटकार लगाई। इसके अलावा कोर्ट ने आठ सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स का गठन करने का भी आदेश दिया।

Supreme Court: कोलकाता रेप-हत्या केस में सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई, CJI ने सरकार-पुलिस को जमकर फटकार लगाई

Supreme Court: कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-हत्या मामले (Kolkata trainee doctor rape-murder case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज सुनवाई की। 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस मामले पर संज्ञान लिया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud), जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की बेंच ने मामले की सुनवाई की। 

बंगाल सरकार-पुल‍िस को लगाई जमकर फटकार 

सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) ने बंगाल सरकार (Bengal government) और कोलकाता पुल‍िस (Kolkata Police) को जमकर फटकार लगाई। इसके अलावा कोर्ट ने आठ सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स का गठन करने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने घटना के विरोध में हड़ताल कर रहे देश भर के डॉक्‍टरों से काम पर वापस लौटने की अपील की। कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि वे हम पर भरोसा करें। उनकी सुरक्षा और संरक्षण सर्वोच्च राष्ट्रीय चिंता का विषय है। मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी। 

चीफ जस्टिस ने पूछे सख्त सवाल

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने राज्य सरकार, पुलिस और अस्पताल प्रशासन से कई सवाल पूछे। कोर्ट ने पूछा कि आरजी कर मेडिकल कालेज के प्रिसिंपल आखिर क्या कर रहे थे। कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि क्राइन सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया गया। एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई। शव सौंपने के करीब 3 घंटे बाद केस दर्ज क्यों किया गया। 

सुप्रीम कोर्ट ने बनाई टास्क फोर्स 

चीफ जस्टिस ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हम टास्क फोर्स बना रहे हैं, इसमें 9 डॉक्टरों को शामिल किया गया है, जो मेडिकल प्रोफेशनल्स की सेफ्टी, वर्किंग कंडीशन और उनकी बेहतरी के उपायों की सिफारिश करेगा। इनके अलावा कोर्ट ने इस टास्क फोर्स में केंद्र सरकार के पांच बड़े अफसरों को भी शामिल किया हैं। 

टास्क फोर्स में शामिल ये सदस्य 

आरके सरियन (सर्जन वाइस एडमिरल), डॉ. नागेश्वर रेड्डी (मैनेजिंग डायरेक्टर एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी), डॉ. एम. श्रीनिवास (डायरेक्टर AIIMS, दिल्ली), डॉ. प्रतिमा मूर्ति (NIMHANS, बेंगलुरू), डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी (डायरेक्टर AIIMS, जोधपुर), डॉ. सौमित्र रावत (गंगाराम अस्पताल के मैनेजिंग मेंबर), प्रोफेसर अनीता सक्सेना (कार्डियोलॉजी हेड, AIIMS, दिल्ली), प्रोफेसर पल्लवी सापरे (डीन-ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मुंबई) डॉ. पदमा श्रीवास्तव, न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट, AIIMS), केंद्र सरकार के ये अधिकार शामिल- भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के गृह सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, नेशनल मेडिकल कमीशन के अध्यक्ष, नेशनल बोर्ड ऑफ इग्जामिनर्स के अध्यक्ष।  

CBI-राज्य सरकार को 22 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश

कोर्ट ने पुलिस से कहा कि आरजी कर अस्पताल में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन को जबरदस्ती बंद न कराया जाए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से 22 अगस्त तक केस की स्टेटस रिपोर्ट और राज्य सरकार से घटना की रिपोर्ट मांगी है। 

FAIMA ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

वहीं, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन यानी FAIMA ने सुप्रीम कोर्ट के नेशनल टास्क फोर्स बनाने के फैसले का स्वागत किया है।

हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी मामले की जांच

बता दें कि, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर से रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद से देशभर के अस्पतालों के डॉक्टरों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। 14 अगस्त की देर रात आरजे कर अस्पताल में भीड़ घुस गई थी। जिसने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की थी। वहीं हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है। जांच के दौरान सीबीआई ने 19 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। इस दौरान टीम को कई चौकाने वाली जानकारियां मिली हैं।