राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी, खडगे ने अंबेडकर की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने बुधवार को डॉ. भीम राव अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी।
आज भारत के संविधान लिखने वाले डॉ भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को डॉ. भीम राव अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति धनखड़, पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और कई अन्य सांसदों ने संसद परिसर में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
पूज्य बाबासाहेब भारतीय संविधान के शिल्पकार होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर पुरोधा थे, जिन्होंने शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें मेरा सादर नमन। — Narendra Modi (@narendramodi) December 6, 2023
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''बाबा साहेब भारतीय संविधान के निर्माता होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर समर्थक थे, जिन्होंने अपना जीवन शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि।”
खड़गे ने एक्स पर लिखा, "हम सबसे पहले और सबसे आखिरी में भारतीय हैं - बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर। बाबासाहेब स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के लोकतांत्रिक सिद्धांतों के आजीवन समर्थक थे।"
“We are Indians, firstly and lastly”
~ Babasaheb Dr. B R Ambedkar
Babasaheb was a lifelong champion of the democratic principles of liberty, equality, fraternity and justice.
On his Mahaparinirvan Diwas, we pay our deepest respects to his ideas of social transformation and… pic.twitter.com/Qx9xtltFWK — Mallikarjun Kharge (@kharge) December 6, 2023
खड़गे ने कहा, "उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर हम सामाजिक परिवर्तन और सामाजिक न्याय के उनके विचारों के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त करते हैं। हमें सामूहिक रूप से राष्ट्र के लिए उनके बेहतरीन योगदान - भारत के संविधान को संरक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए।"
अम्बेडकर ने मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में संविधान का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जवाहरलाल नेहरू की प्रारंभिक कैबिनेट में कानून और न्याय मंत्री के रूप में भी कार्य किया। लित पृष्ठभूमि से आने वाले अम्बेडकर भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल करने में सफल रहे। उन्होंने वंचितों के अधिकारों की वकालत की। 1956 में उनके निधन के बाद से, उनके विचारों की सराहना का विस्तार हुआ है।