पीएम मोदी को राम मंदिर उद्घाटन सारोह में हिस्सा नहीं लेना चाहिए, जमीयत
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अयोध्या या किसी भी स्थान पर आयोजित होने वाले धार्मिक समारोह में पीएम को शामिल नहीं होना चाहिए।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होन पर शुक्रवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अयोध्या या किसी भी स्थान पर आयोजित होने वाले धार्मिक समारोह में पीएम को शामिल नहीं होना चाहिए। मदनी ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त हों और धार्मिक लोग ही इसमें शामिल हों
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मुस्लिम नेता चाहते हैं मस्जिद की भी नींव रखें पीएम
मौलाना महमूद (Jamiat Ulama-e-Hind) मदनी का यह बयान उस समय आया है, जब ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास’ ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रित किया। समारोह की तिथि 22 जनवरी रखी गई है। मौलाना महमूद मदनी ने बाबरी मस्जिद से संबंधित कोर्ट के फैसले को कानूनी और ऐतिहासिक तथ्यों के विरुद्ध बताया है।
मदनी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत कहा
जमीयत उलमा-ए-हिंद (Maulana Mahmood Madani) की तरफ से जारी बयान में मदनी ने कहा, " हम साफ तौर पर यह कहना चाहते हैं कि अयोध्या (Ayodhya Ram Temple) विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया था हम उसको सही नहीं मानते हैं। फैसले के तुरंत बाद हमने अपनी स्थिति साफ कर दी थी कि और कहा था कि यह गलत माहौल में और गलत सिद्धांतों के आधार पर दिया गया फैसला है. यह कानूनी और ऐतिहासिक तथ्यों के भी विरुद्ध है।"
अयोध्या के मुस्लिमों ने पीएम मोदी से मस्जिद की आधारशिला रखनें का कया था आग्रह
इससे पहले अयोध्या के मुस्लिमों ने पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से आग्रह किया है कि जब वो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या आएं तो मस्जिद की आधारशिला भी रखें। इंडियन मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मोहम्मद इस्माइल अंसारी ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री एक शुभ अवसर पर अयोध्या आ रहे हैं। हम उनसे मस्जिद पर भी काम शुरू करने का अनुरोध करते हैं। यह हमारी हार्दिक इच्छा है।