Noel Tata:नोएल टाटा संभालेंगे टाटा ग्रुप की कमान
10 अक्टूबर 2024 ये वो दिन है जिसे इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जायेगा। इस दिन मशहूर इंडस्ट्रियलिस्ट रतन टाटा का स्वर्गवास हुआ। उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे देख में शोक की लहर दौड़ गई। कल शाम उन्हें पंच तत्व में विलीन किया गया। जिसके बाद अब सबसे बड़ा सवाल ये था कि आखिर अब उनकी इस विरासत को कौन संभालेगा?
Noel Tata:10 अक्टूबर 2024 ये वो दिन है जिसे इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जायेगा। इस दिन मशहूर इंडस्ट्रियलिस्ट रतन टाटा का स्वर्गवास हुआ। उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे देख में शोक की लहर दौड़ गई। कल शाम उन्हें पंच तत्व में विलीन किया गया। जिसके बाद अब सबसे बड़ा सवाल ये था कि आखिर अब उनकी इस विरासत को कौन संभालेगा? आपको बता दें कि ग्रुप के सबसे बड़े स्टेक होल्डर 'टाटा ट्रस्ट' की कमान सौतेले भाई नोएल टाटा को मिल गई है। शुक्रवार को मुंबई में हुई मीटिंग में नोएल के नाम पर सहमति बनी है।
नोएल टाटा संभालेंगे टाटा ग्रुप की कमान
अपने पारिवारिक संबंधों और ग्रुप की कई कंपनियों में भागीदारी के कारण टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए नोएल टाटा एक मजबूत दावेदार थे। बता दें कि नोएल टाटा पहले से ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। फिलहाल अभी समूह की सबसे बड़ी कंपनी टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन हैं, लेकिन आपको बता दें कि इससे भी ऊपर टाटा ट्रस्ट है, जिसकी कमान टाटा परिवार के सदस्य ही संभालते रहे हैं। निधन से पहले तक रतन ही टाटा ट्रस्ट के प्रमुख थे।
86 साल की उम्र में रतन टाटा का हुआ निधन
रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार देर रात करीब 11 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में एडमिट थे और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। वहीं, महाराष्ट्र कैबिनेट ने गुरुवार को रतन टाटा को भारत रत्न देने की मांग की। इसका प्रस्ताव पास करके कैबिनेट ने केंद्र सरकार को भेजा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी। कैबिनेट ने कहा कि देश ने एक महान सामाजिक कार्यकर्ता, दूरदर्शी और देशभक्त नेता खो दिया है।